दलित नेता चंद्रशेखर आजाद समेत 90 लोग गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला

दिल्ली के तुगलकाबाद में हिंसा फैलाने के मामले में भीम आर्मी के चीफ और दलित नेता चंद्रशेखर आजाद समेत 91 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनपर दंगा फैलाने, सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने का आरोप है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 22, 2019 4:28 AM IST

नई दिल्ली. दिल्ली के तुगलकाबाद में हिंसा फैलाने के मामले में भीम आर्मी के चीफ और दलित नेता चंद्रशेखर आजाद समेत 91 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनपर दंगा फैलाने, सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने का आरोप है। इस घटना में करीबन 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए। सभी को आज साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा। बुधवार को दिल्ली के तुगलकाबाद और उसके आसपास इलाके में जमकर हिंसा हुई। इस हिंसा में 100 से ज्यादा वाहनों में तोड़फोड़ की। सभी संत रविदास का मंदिर गिराने का विरोध कर रहे थे। 

आंसू गैस और लाठीचार्ज 
हिंसा उग्र होते ही पुलिस एक्शन में आ गई थी। जहां प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया फिर आंसू गैस के गोले छोड़े। इस हिंसा में दलित समाज और भीम आर्मी से जुड़े 90 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने तुगलकाबाद के रविदास मंदिर को तोड़ने को लेकर जारी विवाद के बीच दिल्ली के जंतर मंतर में रैली करने की अनुमति मांगी थी। उनसे जंतर-मंतर पर रैली की अनुमति नहीं दी गई और रामलीला ग्राउंड में रैली करने के लिए कहा गया। इस दौरान वे रैली के तुगलकाबाद की तरफ निकल पड़े। जहां पुलिस ने हजारों की संख्या में चल रहे लोगों को कई बार समझाया लेकिन वे नहीं मानें। 

पुलिस और अर्धसैनिक बल पर पथराव
तुगलकाबाद पहुंचते ही प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और अर्धसैनिक बल पर पथराव शुरू कर दिया और वाहनों में तोड़फोड़ करने लगे। इस दौरान उन्होंने कुछ बाइक को आग के हवाले कर दिया। पुलिस स्थिति को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस के गोले और हल्का लाठी चार्ज किया। वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने गोलियां चलाई। 

प्रियंका गांधी ने किया विरोध
इस मामले मे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा- 'दलितों की आवाज का ये अपमान बर्दाश्त से बाहर है। यह एक जज्बाती मामला है। उनकी आवाज का आदर होना चाहिए।'

क्या है मामला

दरअसल, 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के डीडीए ने रविदास मंदिर को तोड़ दिया था। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा था कि इस मामले में राजनीति न हो। लेकिन इसके विरोध में बुधवार को हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन के लिए पहुंचे थे। जिसके बाद देखते ही देखते प्रदर्शन उग्र हो गया। 

Share this article
click me!

Latest Videos

New York में Hanumankind, आदित्य गढ़वी और देवी श्री की जोरदार Performance, PM Modi ने लगाया गले
कहीं आपके घी में तो नहीं है जानवरों की चर्बी, ऐसे करें चेक । Adulteration in Ghee
CM Atishi के पहले ही आदेश पर एलजी ने दिया झटका, आखिर क्यों वापस लौटाई फाइल
सिर्फ 2 किताबें और... 12वीं पास लड़के ने छाप डाले 22000 Cr. । Dinesh Thakkar
सुल्तानपुर डकैती के गुनहगारों का हिसाब कर रही STF, अब तक 11 के खिलाफ हुआ एक्शन