भीमबेटका के 10 KM में फैली हैं 750 से ज्यादा गुफाएं, जानें महाभारत से क्यों और कैसे है इसका कनेक्शन

भीमबेटका (Bhimbetka Caves) को भी यूनेस्को ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है। भीम बेटका अपनी प्राचीन गुफाओं के लिए मशहूर है, जहां आदिमानव द्वारा बनाए गए शैलचित्र आज भी देखे जा सकते हैं। भीमबेटका (Bhimbetka Caves) को भी यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 15, 2022 9:49 AM IST

India@75: भारत इस साल आजादी का अमृत महोत्सव (Aazadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहा है। 15 अगस्त, 2022 को भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे हो गए हैं। बता दें कि भारत में कई ऐसी धरोहरें हैं, जो कई हजार साल पुरानी हैं। इन्हीं में से एक है भीमबेटका। भीमबेटका (Bhimbetka Caves) को भी यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है। भीम बेटका अपनी प्राचीन गुफाओं के लिए मशहूर है, जहां आदिमानव द्वारा बनाए गए शैलचित्र आज भी देखे जा सकते हैं। चट्टानों पर बने ये शैलाश्रय मनुष्य के हजारों साल पहले के जीवन को दिखाते हैं। भीमबेटका में बनाए गए चित्रों में मुख्यतः नृत्य, संगीत, शिकार, घोड़े और हाथियों की सवारी, आभूषणों को सजाने और शहद इकट्ठा करने को दिखाया गया है। 

कहां स्थित है भीमबेटका?
भीमबेटका की पहाड़ी में 750 से ज्यादा गुफाएं हैं, जो करीब 10 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई हैं। यह स्थान मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से दक्षिण-पूर्व में करीब 46 किलोमीटर दूर स्थित है। भीमबेटका रायसेन जिले में आता है। यहां अन्य पुरातात्विक अवशेष भी मिले हैं, जिनमें प्राचीन किले की दीवार, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, लघुस्तूप, पाषाण काल में बने भवन, शंख के अभिलेख और परमार कालीन मंदिर के अवशेष शामिल हैं। 

कैसे हुई खोज?
भीमबेटका की खोज 1957-1958 में डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर ने की थी। इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल ने इस क्षेत्र को 1999 में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया। बाद में जुलाई, 2003 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर सूची में शामिल किया। 

क्यों नाम पड़ा भीमबेटका?
भीमबेटका शब्द का अर्थ होता है भीम की बैठने की जगह। कहा जाता है कि द्वापर युग में पांडवों ने यहां अपना अज्ञातवास बिताया था। उस दौरान भीम ने यहां की चट्टानों पर बैठकर विश्राम किया था। इसी वजह से इसका नाम भीमबेटका पड़ गया। यहां गुफाओं में बाघ, सिंह, हिरण, बारहसिंगा, जंगली सुअर, हाथी, कुत्तों और घड़ि‍यालों जैसे जानवरों को भी तस्वीरों के जरिए दिखाया गया है। 

कैसे पहुंचें?
भीमबेटका जाने के लिए सबसे नजदीकी हवाईअड्डा भोपाल है। वहीं, नजदीकी रेलवे स्टेशन ओबेदुल्लागंज है। ओबेदुल्लागंज से भीमबेटका की दूरी सिर्फ 8 किलोमीटर है। हालांकि, इस स्टेशन में ट्रेनें कम रुकती हैं। ऐसे में सबसे ठीक भोपाल पड़ेगा। यहां पर कुछ प्राइवेट होटल और ढाबे हैं, जहां से आप खाने-पीने की चीजें ले सकते हैं। यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च तक है। 

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