युवा महापंचायत में राजेश कालरा बोले-'स्पोर्ट्स पर्सन और सेना के जवान हमारे रियल हीरो' खिलाड़ी बनें व्यवहारिक

मध्य प्रदेश की राजधानी (Madhya Pradesh) भोपाल में चल रहे दो दिवसीय युवा महापंचायत (Youth Mahapanchayat) में रविवार को कई वक्ताओं ने सत्र को संबोधित किया। एशियानेट न्यूज के राजेश कालरा ने एमपी के युवा खिलाड़ियों और देश में खेल संभावनाओं के बारे में बात की।

Manoj Kumar | Published : Jul 24, 2022 10:39 AM IST / Updated: Jul 24 2022, 04:25 PM IST

Youth Mahapanchayat: मध्य प्रदेश की राजधानी (Madhya Pradesh) भोपाल में चल रहे दो दिवसीय युवा महापंचायत (Youth Mahapanchayat) में रविवार को एशियानेट न्यूज के राजेश कालरा ने तीसरे सत्र को संबोधित किया। उन्होंने खेलों में मध्य प्रदेश की प्रतिभाओं से भी बात की। विषय प्रवर्तन क्रिकेटर और कमंटेटर अमय खुरासिया ने किया।

एमपी में हैं बेस्ट फैसिलिटी
एशियानेट के राजेश कालरा ने कहा कि इतने अच्छे-अच्छे और छोटे-छोटे भाषण हमारे स्पोर्ट्स स्टार ने दिए कि मन कर रहा था कि उन्हें ही सुनता रहूं। कहा कि एमपी में बहुत अच्छा इंफ्रास्ट्रक्टर डेवलप हो रहा है। कालरा ने कहा कि आज मैंने कई फैसिलिटीज को देखा तो लगा कि वे सभी जगहें ऐसी हैं जो इंटरनेशनल इवेंट करा सकती हैं। यह सिर्फ पैसे खर्च करने से नहीं बल्कि पैशन से संभव होता है। सभी लोग इंज्वाय करेंगे तो बेहतर फैसिलिटी तैयार होंगी। लोग पहले यह सोचते थे कि भारत में क्रिकेट के अलावा कुछ नहीं हो सकता। टॉप खिलाड़ियों के अलावा कोई पैसे नहीं कमा सकता। स्पोर्ट्स में आने के लिए आप सिर्फ यह सोचिए कि पैसे कैसे कमाएंगे तो आपको दोबारा सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि एमपी के खेल मंत्रालय ने बेहतरीन काम किया है। जिसकी वजह से यहां के खिलाड़ी साधारण से थोड़ा अच्छा जीवन व्यतीत कर पाएंगे। अब देश में कई तरह की स्पोर्ट्स लीग शुरू हो गई हैं, यह खिलाड़ियों के लिए अच्छा है। सरकार की तरफ तमाम फैसिलिटी दी जा रही है। आज जेवलिन प्लेयर नीरज चोपड़ा का उदाहरण लीजिए, उनपर सेंट्रल गवर्नमेंट की तरफ से ट्रेनिंग के लिए 7 करोड़ रुपए खर्च किया गया। रिजल्ट आपके सामने है।

युवाओं को ट्रेनिंग की जरूरत
एशियानेट न्यूज के राजेश कालरा ने कहा कि पहले से हालात बदले हैं। ठीक से सपोर्ट मिले तो हमारे खिलाड़ी बेहतर कर सकते हैं। मैं ओलंपिक टास्क फोर्स का हिस्सा रहा, हमने बहुत कुछ करने की कोशिश की, जिसका नतीजा हमें टोक्यो ओलंपिक में देखने को मिला। हमें कोच को भी बेहतर सुविधाएं देनी चाहिए। कहा कि आपने ओलंपिक में देखा होगा कि जो भी लोग अच्छा परफार्म कर रहे थे, पीएम उनसे सीधे बात कर रहे थे। यह पहली बार हुआ है। पहले यह नहीं होता था। यह सारी चीजें बदलाव ला रही हैं। जब इस तरह का सपोर्ट मिलता है तो खिलाड़ी प्रेरित होते हैं। यहां की खेल मंत्री भी बेहतर काम कर रही हैं। स्पोर्ट्स यह सिखाता है कि कैसे अपनी फेल्योर को सफलता में बदल सकते हैं। स्पोर्ट्स में जो फेलियर का पर्सेंटेज बहुत ज्यादा होता है इसलिए बहुत लोग डरते हैं। लेकिन आपकी ट्रेनिंग प्रोफेशनल एथलीट के तौर पर अच्छी हुई है तो वह जीवन भर काम आएगा। कालरा ने कहा कि मेरा मानना है हर बच्चे को 16-17 साल की उम्र तक एथलीट के तौर पर ट्रेंड जरूर करना चाहिए। उन्हें आगे की लाइफ के लिए भी ट्रेंनिंग देनी चाहिए ताकि खेलकूद के बाद भी वे बेहतर जिंदगी जी सकें। इसलिए 16-17 की उम्र में ट्रेनिंग के दौरान कोच और पैरेंट्स को पता चल जाता है कि वे आगे जा पाएंगे या कोई कमी है। अगर स्पोर्ट्स के नजरिए से ठीक नहीं हो पा रहा है तो उस उम्र में ट्रैक बदला जा सकता है। 

खेल के माध्यम से जॉब
कम उम्र में एथलीट के तौर पर ट्रेनिंग किसी भी युवा की जिंदगी बदल सकती है। राजेश कालरा ने कहा कि इस एज में कोई भी फील्ड चुना जा सकता है। सरकार स्पोर्ट्स पर्सन को जॉब देती है। लेकिन यहां भी यह समझना चाहिए कि स्पोर्ट्स कोटे से जॉब मिली है तो एक लेवल के बाद प्रमोशन नहीं मिलता है। पर इसे भी बेहतर बनाया जा सकता है। यदि मैं मध्य प्रदेश की बात करूं तो यहां खेलों का आधारभूत ढांचा काफी अच्छा बन रहा है। यदि आपके पास ऐसी सुविधा है तो उसका इस्तेमाल कीजिए। मैं पूरे देश की बात करूं तो एमपी की सुविधाएं अन्य जगहों से काफी अच्छी हैं। देश के क्रिकेटर सफल होते हैं तो वे लोगों के साथ व्यवहारिक नहीं हो पाते क्योंकि उनकी फैन फालोइंग बहुत ज्यादा होती है। किसी भी क्रिकेटर को देखने भीड़ जुट जाएगी लेकिन अभिनव बिंद्रा जैसे लोगों के लिए लोग नहीं जुट पाते क्योंकि वे बेहद सामान्य तरीके से रहते हैं, बात करते हैं, सम्मान करते हैं। स्पोर्ट्स पर्सन और सेना के जवान ही हमारे रियल हीरो हैं। जरूरी नहीं कि सभी खिलाड़ी वर्ल्ड नंबर वन या टू बन जाएं लेकिन वे सफल इंसान जरूर बनेंगे, इसकी गारंटी ली जा सकती है। 

ग्रास रूट से खिलाड़ी की पहचान
ओलंपिक टास्क फोर्स का प्लान था कि खेलो इंडिया कैंपन किया जाए। हमारा उद्देश्य था कि ग्रासरूट पर जाकर टैलेंट को पहचाना जाए। आज हर तहसील में जाकर खिलाड़ियों की पहचान हो रही है जिसकी वजह से ऐसे खिलाड़ी हमारे सामने हैं। यहां वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी दी जा रही है तो उसका उपयोग कीजिए, आगे बढ़िए। सभी खिलाड़ियों की कहानियां बहुत प्रेरणादायी हैं। आज कम लोग हैं लेकिन आगे यह संख्या बहुत बढ़ने वाली है। इससे पहले के सत्रों में पद्मश्री भज्जू श्याम ने मेरा एमपी मेरा गौरव सेशन में अपनी बात कही। उनके साथ इंडियन पायलट अवनि चतुर्वेदी, माउंटेनियर भावना देहरिया,रत्नेश पांडेय, चाय सुट्टा बार के फाउंडर अनुभव दूबे और पत्रकार आकाश सोनी ने अपने विचार प्रस्तुत किए। वहीं दूसरे सेशन में यूथ फार सोशल काज विषय पर जर्नलिस्ट सौरभ द्विवेद ने अपनी बात कही। वहीं पैनलिस्ट पूनम कौर एक्ट्रेस, अनिल मुदगल, नेलस्वा नानी, आदित्य विजय सिंह ने युवाओं को लेकर विचार व्यक्त किए।

 

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया उद्घाटन
भोपाल में आयोजित युवा महापंचायत का उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में युवा परिषद का गठन किया जाएगा। सभी सरकारी विभागों में युवाओं के सजेशन पर काम किए जाएंगे। सीएम ने कहा था कि हम हर वर्ष युवा महापंचायत का आयोजन करेंगे।

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