इस महिला ने ब्राह्मण होते हुए अरबी पढ़ाया तो लोगों ने विरोध किया, सबको कोर्ट में घसीट सिखाया सबक

बीएचयू में संस्कृत विभाग के प्रफेसर के धर्म की वजह से छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस बीच ऐसे ही एक और शिक्षक की कहानी बताते हैं, जिसने ब्राह्मण होते हुए अरबी पढ़ाई तो उसका विरोध हुआ। मामला कोर्ट तक पहुंचा और शिक्षक की जीत हुई। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 20, 2019 12:50 PM IST

नई दिल्ली. बीएचयू में संस्कृत विभाग के प्रफेसर के धर्म की वजह से छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस बीच ऐसे ही एक और शिक्षक की कहानी बताते हैं, जिसने ब्राह्मण होते हुए अरबी पढ़ाई तो उसका विरोध हुआ। मामला कोर्ट तक पहुंचा और शिक्षक की जीत हुई। मामला केरल के त्रिशूर में रहने वाली  गोपाल‍िका अंतरजन्‍म का है, जिन्होंने 17 साल की उम्र में ही घरवालों से कहा कि उन्हें अरबी भाषा सीखनी है। परिवारवालों ने उनका साथ दिया। उन्होंने अरबी भाषा सीखी फिर 29 साल तक बच्चों को भी अरबी भाषा का ज्ञान दिया। कहा जाता है कि यह देश की पहली ब्राह्मण शिक्षक हैं, जो अरबी पढ़ाती हैं। 

जब अरबी सीखना शुरू किया तो हंगामा मच गया 
गोपालिका ने जब 987 में अरबी पढ़ाना शुरू किया तो हंगामा मच गया। लोगों ने कहा कि ब्राह्मण व्यक्ति को अरबी भाषा नहीं पढ़ाई चाहिए। गोपालिका ने कहा, "मुझे विभिन्न भाषाओं को सीखने का यह जुनून था। हाई स्कूल में मैंने संस्कृत सीखी। हमारे गांव में एक संस्था थी जो अरबी पढ़ाती थी और मुझे भाषा में दिलचस्पी थी।" गोपालिका त्रिशूर जिले के कुन्नमकुलम गांव की रहने वाली है। उनका परिवार पारंपरिक रूप से कोट्टियूर मंदिर के पुजारी थे। 

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अरबी की पहली ब्राह्मण शिक्षिका
गोपालिका केरल में अरबी की पहली ब्राह्मण शिक्षिका हो सकती हैं, और उन्होंने दो-ढाई दशकों तक यह भाषा पढ़ाई है। शुरू में उनके लिए मुश्किल हुई। 1987 में उन्होंने पानयूर मन के नारायणन नमबोथिरी से शादी की और मलप्पुरम जिले में चली गईं, जहां उन्होंने एक अरबी शिक्षक के रूप में नौकरी की। 

1989 में कोर्ट गईं गोपालिका
शुरू में उनकी नियुक्ति का विरोध किया गया था। लोगों ने कहा कि एक ब्राह्मण महिला अरबी पढ़ा रही हो, ऐसा पहले कभी नहीं सुना। उसे वहां से निकाल दिया गया, लेकिन गोपालिका पीछे नहीं हटीं। उन्होंने केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 1989 में उसके पक्ष में फैसला आया। उन्होंने फिर मलप्पुरम स्कूल में केरल लोक सेवा आयोग के माध्यम से सरकारी सेवा में प्रवेश लिया। 

29 साल बाद हुईं रिटायर
रिटायरमेंट पर उन्होंने कहा था, "सभी ने मेरा स्वागत किया, छात्रों ने मुझे बहुत प्यार किया। मैं अपनी नौकरी छोड़ने के समय अब ​​खुश और संतुष्ट हूं।" गोपालिका 31 मार्च 2016 को चेम्मनियोडु गवर्नमेंट लोअर प्राइमरी स्कूल से एक शिक्षिका के रूप में रिटायर होने वाली हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल विश्व अरबी दिवस पर एक मुस्लिम समूह द्वारा सम्मानित किया गया था।

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