कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को कहा, यह वक्त इस तरह के मुद्दे उठाने का नहीं है। अभी देश में विपक्ष एकजुट नहीं है। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने देश के संवैधानिक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को ध्वस्त कर दिया। अभी उसके खिलाफ मजबूत विपक्ष खड़ा करने का है।
अमृतसर. 2019 लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से कांग्रेस में संगठन के स्तर पर बदलाव की मांग उठ रही है। इसी बीच खबर आ रही है कि सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ सकती हैं। अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में नए अध्यक्ष पर भी फैसला हो सकता है। हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस रिपोर्ट्स का खंडन करते हुए इसोनिया के इस्तीफा देने की खबर को गलत बताया।
बदलाव की मांग को लेकर पार्टी दो गुटों में बंटी नजर आ रही है। जहां एक तरफ कुछ नेताओं ने कांग्रेस में बड़े पैमाने पर बदलाव की मांग की है। वहीं, दूसरी ओर एक गुट ने फेरबदल के लिए यह समय ठीक नहीं बताया है। कांग्रेस नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती देना का विरोध किया है।
अभी मजबूत विपक्ष की जरूरत- कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को कहा, यह वक्त इस तरह के मुद्दे उठाने का नहीं है। अभी देश में विपक्ष एकजुट नहीं है। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने देश के संवैधानिक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को ध्वस्त कर दिया। अभी उसके खिलाफ मजबूत विपक्ष खड़ा करने का है।
यह फेरबदल की मांग के लिए उचित समय नहीं
कैप्टन ने कहा, एनडीए इसलिए कामयाब है, क्योंकि देश में एकजुट विपक्ष नहीं है। संकट के वक्त में पार्टी में बड़े पैमाने पर फेरबदल की मांग का यह उचित वक्त नहीं है। इस तरह के कदम से पार्टी और राष्ट्र के हितों को नुकसान पहुंचेगा।
'जब तक चाहें अध्यक्ष रहें सोनिया गांधी'
अमरिंदर सिंह ने कहा, सोनिया गांधी जब तक चाहें, उन्हें अध्यक्ष रहना चाहिए। इसके बाद राहुल गांधी को पदभार संभालना चाहिए, क्योंकि वे पूरी तरह से सक्षम हैं।
राहुल संभाले अध्यक्ष पद- भूपेश बघेल
उधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी मांग की है कि राहुल गांधी को अध्यक्ष पद संभालना चाहिए। उन्होंने इसके लिए पत्र भी लिखा है।
संजय निरुपम बोले- कांग्रेस को सिर्फ राहुल बचा सकते हैं
इससे पहले संजय निरुपम ने भी पार्टी में फेरबदल की मांग का विरोध किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, यह पत्र राहुल गांधी का नेतृत्व भोथरा करने के लिए एक नया षड्यंत्र है।
जो षड्यंत्र बंद कमरों में रचा जाता था, वह एक पत्र में उभर कर आया है। इसका एक ही जवाब है, राहुल जी अध्यक्ष न बनने की जिद्द छोड़ें और राज्यों में कांग्रेस की ढहती दीवारों को बचाएं। कांग्रेस को सिर्फ वही बचा सकते हैं।
क्या है मामला ?
कांग्रेस से निलंबित प्रवक्ता संजय झा ने हाल ही में मांग की थी कि कांग्रेस का अध्यक्ष गैर गांधी परिवार से कोई बने। उन्होंने दावा किया था कि 300 नेताओं के हस्ताक्षर वाला एक पत्र पार्टी आलाकमान को भेजा गया है, इसमें संगठन में बदलाव की मांग की गई है। वहीं, हाल ही में बताया जा रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों पार्टी सांसदों और पूर्व मंत्रियों समेत 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में बदलाव की मांग की है। माना जा रहा है कि सोमवार को होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में यह मुद्दा उठ सकता है।