केरल में कांग्रेस को बड़ी शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। पार्टी के एक नेता के खिलाफ केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर की तस्वीर में जालसाजी करने और उनके द्वारा घोषित संपत्ति के बारे में गलत जानकारी फैलाने के लिए आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गई है।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के बीच केरल में कांग्रेस को बड़ी शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। पार्टी के एक नेता के खिलाफ केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर की तस्वीर में जालसाजी करने और उनके द्वारा घोषित संपत्ति के बारे में गलत जानकारी फैलाने के लिए आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गई है।
शिकायत कांग्रेस के जे. मोसेस जोसेफ डीक्रूज के खिलाफ दर्ज कराई गई है। डीक्रूज पर ईपी जयराजन के साथ गलत 'पेशेवर' संबंध बताने के लिए राजीव चंद्रशेखर की पुरानी तस्वीर से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया है। चुनाव आयोग और दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पहले खारिज किए जाने के बावजूद केरल में कांग्रेस ने राजीव चन्द्रशेखर के चुनावी हलफनामे पर गलत जानकारी के साथ वीडियो प्रसारित किया। इस संबंध में राजीव चंद्रशेखर ने कहा है, "केरल में कांग्रेस आपराधिक साजिश कर और गलत सूचना फैलाकर जनता को धोखा दे रही है।"
आरोपी डीक्रूज तिरुवनंतपुरम जिला कांग्रेस कमेटी और अखिल भारतीय मछुआरा कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य हैं। उनके खिलाफ 2 अप्रैल 2024 को भाजपा के तिरुवनंतपुरम उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर द्वारा नई दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई गई है।
डीक्रूज ने राजीव चन्द्रशेखर की पुरानी तस्वीर के साथ की छेड़छाड़
डीक्रूज पर आरोप है कि उन्होंने राजीव चन्द्रशेखर की पुरानी तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की है। असली तस्वीर में राजीव चन्द्रशेखर के साथ केंद्रीय मंत्री कुमारी प्रतिमा भौमिक हैं। यह तस्वीर 4 अगस्त, 2023 की है। इसे फेसबुक और व्हाट्सएप सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर पोस्ट किया गया था।
शिकायत में कहा गया है कि डीक्रूज ने प्रतिमा भौमिक की फोटो के साथ छेड़छाड़ की। उनके चेहरे को सीपीआई (एम) नेता ईपी जयराजन की पत्नी पीके इंदिरा के चेहरे से बदल दिया। मॉर्फ की गई तस्वीर के साथ गंभीर साजिश के तहत दावा किया गया कि राजीव चन्द्रशेखर और पीके इंदिरा के बीच व्यावसायिक संबंध हैं। इस तरह राजीव चन्द्रशेखर और ईपी जयराजन के बीच व्यापारिक संबंध होने के आरोप लगाने की कोशिश की गई। शिकायत में कहा गया है कि आपराधिक साजिश के तहत तस्वीर के साथ छेड़छाड़ करने और जानबूझकर गलत जानकारी फैलाने के लिए डीक्रूज के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 463, 464, 465, 469, 471, 499 और 500 के साथ-साथ आईटी एक्ट की धारा 66डी के तहत FIR दर्ज की जानी चाहिए।
शिकायत में दावा किया गया है कि जनता को धोखा देने और गलत जानकारी के जरिए सहानुभूति बटोरने के उद्देश्य से यह साजिश की गई। जानबूझकर सोशल मीडिया पर झूठी और गलत सामग्री फैलाने का प्रयास किया गया। राजीव चन्द्रशेखर ने इन साजिश की निंदा की है। उन्होंने इसे कांग्रेस का हताशापूर्ण कदम बताया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि कांग्रेस के पास तिरुवनंतपुरम में बात करने के लिए या दिखाने के लिए कोई वास्तविक विकासात्मक एजेंडा या उपलब्धियां नहींं हैं।
कांग्रेस नेताओं ने वीडियो शेयर कर लगाए फर्जी आरोप
एक अन्य मामले में केरल में कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। इसमें झूठा आरोप लगाया गया है कि राजीव चंद्रशेखर ने चुनाव आयोग को दिए गए अपने हलफनामे में अपनी सभी संपत्तियों और आय का खुलासा नहीं किया है। इस आरोप को चुनाव आयोग और दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया है। इसके बाद भी भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ कांग्रेस दृढ़ता मनगढ़ंत कहानी फैला रही है।
2019 में याचिकाकर्ता रेनजिथ थॉमस ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक रिट याचिका (W.P. (C) No 5895/2019) लगाई थी। याचिका में चुनाव आयोग को भी एक पक्ष बनाया गया था। याचिका में दावा किया गया था कि चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में चंद्रशेखर ने अपनी पूरी संपत्ति का खुलासा नहीं किया है। हाईकोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। बाद में इसे खारिज कर दिया था।
चन्द्रशेखर ने आदर्श आचार संहिता के नियम I(2) के उल्लंघन का हवाला देते हुए केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय कौल और अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी और आदर्श आचार संहिता के प्रभारी नोडल अधिकारी अदीला अब्दुल्ला के पास शिकायत दर्ज कराई है। राजीव चंद्रशेखर ने पत्र में कहा है, "कांग्रेस ने एक मानहानिकारक वीडियो प्रकाशित किया है। इसमें फर्जी आरोप लगाए गए हैं कि राज्यसभा चुनाव के समय मैंने चुनाव आयोग के समक्ष झूठा हलफनामा पेश किया है, खासकर मेरी संपत्ति के संबंध में। मैं 2006 से चुनावी राजनीति में हूं। चुनाव आयोग ने मेरे हलफनामे को कभी झूठा नहीं पाया।"
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उन्होंने कहा, "आदर्श आचार संहिता के नियम I(2) में कहा गया है कि राजनीतिक दलों की आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकॉर्ड और काम तक सीमित रहेगी। पार्टियों और उम्मीदवारों को निजी जीवन के उन सभी पहलुओं की आलोचना से बचना चाहिए जो अन्य पार्टियों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़े नहीं हैं। फर्जी आरोपों या गलत जानकारी के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए। कांग्रेस इस नियम का उल्लंघन कर रही है।"