भाजपा को 2014 के विधानसभा चुनाव में 122 सीटें मिली थीं। लेकिन बहुमत नहीं मिला। शिवसेना ने तब अलग चुनाव लड़ा था। ऐसे में भाजपा ने एनसीपी को मना लिया था कि विश्वासमत पारित करते वक्त एनसीपी सदन से बाहर चली जाए। ऐसा ही हुआ। एनसीपी के 41 विधायक सदन से बाहर चले गए और बहुमत का आंकड़ा घट गया।
मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री पद के नाम पर सस्पेंस गहरा गया है। शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी है तो भाजपा अपने पत्ते नहीं खोल रही। ऐसे में नतीजे आने के 6 दिन बाद भी महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शिवसेना के बगैर भी भाजपा राज्य में सरकार बना सकती है? इसका जवाब पांच साल पीछे जाने पर मिलता है। हां, शिवसेना के बगैर भी भाजपा सरकार बना सकती है। उसी 2014 का फॉर्मूला अपनाना होगा।
क्या है 2014 का फॉर्मूला?
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होगी। लेकिन भाजपा के पास सिर्फ 105 विधायक हैं। ऐसे में अगर बहुमत का आंकड़ा ही कम कर दिया जाए तो सरकार बन सकती है। भाजपा ने 2014 में भी ऐसा ही किया था।
2014 में भाजपा ने कैसे बनाई थी सरकार
भाजपा को 2014 के विधानसभा चुनाव में 122 सीटें मिली थीं। लेकिन बहुमत नहीं मिला। शिवसेना ने तब अलग चुनाव लड़ा था। ऐसे में भाजपा ने एनसीपी को मना लिया था कि विश्वासमत पारित करते वक्त एनसीपी सदन से बाहर चली जाए। ऐसा ही हुआ। एनसीपी के 41 विधायक सदन से बाहर चले गए और बहुमत का आंकड़ा घट गया और शिवसेना ने सरकार बना ली।
अब कैसे बना सकती है सरकार?
इस बार भाजपा के पास 105 और एनसीपी के पास 54 विधायक हैं। इस बार भी अगर एनसीपी सदन से बाहर जाती है तो सदन में 234 विधायक बचेंगे। यानी बहुमत का आंकड़ा घटकर 118 पर आ जाएगा। सरकार बनाने के लिए 13 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। चुनाव परिणाम के मुताबिक 13 निर्दलीय विधायक हैं। इसके अलावा कुछ छोटे दल भी हैं, जो भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं।