दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की फांसी की तारीख को टाल दिया। इस फैसले को लेकर भारत के पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद ने नाराजगी जाहिर की है। गौतम गंभीर ने कहा, इन दरिंदों को जीने के लिए एक एक दिन मिलना, हम पर और हमारी कानून व्यवस्था पर एक धब्बा है।
नई दिल्ली. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की फांसी की तारीख को टाल दिया। इस फैसले को लेकर भारत के पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद ने नाराजगी जाहिर की है। गौतम गंभीर ने कहा, इन दरिंदों को जीने के लिए एक एक दिन मिलना, हम पर और हमारी कानून व्यवस्था पर एक धब्बा है।
गौतम गंभीर ने ट्वीट कर लिखा, इन दरिंदों को जीने के लिए एक एक दिन मिलना, हम पर और हमारी कानून व्यवस्था पर एक धब्बा है। 7 साल! एक मां का इंतजार आखिर कब खत्म होगा? अब इन दोषियों को फांसी पर लटका देना चाहिए।
अगले आदेश तक फांसी पर लगी रोक
इससे पहले शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक दोषियों को फांसी न दी जाए। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। फांसी टलने के बाद जहां एक तरफ निर्भया की मां रो पड़ी और सिस्टम को बुरी तरह कोसा। वहीं, दूसरी तरफ दोषी पवन के मां-बाप ने वकील ए पी सिंह के पैर छुए और खुशी जाहिर की।
निर्भया की मां ने कहा, दोषी जो चाहते थे, वही हो रहा हैनिर्भया की मां ने कहा, मैं सरकार से यही कहना चाहती हूं कि आज इस कानून व्यवस्था की कमी की वजह से एक दोषी का वकील मुझे चैलेंज करके गया है कि कभी भी दोषियों को फांसी नहीं होगी। जो मुजरिम चाहते थे, वह हो गया, फांसी टल गई।
"मौत से 12 घंटे पहले ही टली फांसी"
ऐसा दूसरी बार है जब निर्भया के दोषियों की फांसी टाली गई है। एक फरवरी को सुबह 6 बजे दोषियों को फांसी दी जानी थी। लेकिन उससे 12 घंटे पहले ही कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाई। सुनवाई के दौरान निर्भया के दोषी पवन के मां-बाप भी पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे थे। अदालत में निर्भया के दोषी विनय, पवन और अक्षय की तरफ से वकील ए पी सिंह ने पैरवी की, जबकि दोषी मुकेश की पैरवी वकील वृंद ग्रोवर ने की।