प्रेसिडेंसी क्षेत्र जीतने के लिए Amit Shah की नई स्ट्रेटेजीः 4 चरण, 40 सीटें और 2000 पोथो सभाएं

कोलकाता को भारत की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है। भारत में साहित्य, आध्यात्मिकता, संगीत और सिनेमा की बहुत सी विभूतियां यहां से निकली है। जानकार बताते हैं कि कोलकाता में शुरू हुई बंगाली पुनर्जागरण काल से ही इस शहर में शानदार बदलाव हुए हैं। सती प्रथा के उन्मूलन जैसे सामाजिक सुधारों की बात हो या विधवा पुनर्विवाह को वैध बनाने का अभियान, कोलकाता महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए इन कदमों का गवाह रहा है। देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाली भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन के अलावा यह क्षेत्र कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 12, 2021 3:46 PM IST / Updated: Apr 12 2021, 09:34 PM IST

कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के चुनावी रण में बाकी चार चरणों के लिए नई स्ट्रेटेजी के साथ मंगलवार को मैदान में उतरेगी। प्रेसिडेंसी क्षेत्र की 40 सीटों को जीतने के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के साथ एक नया अभियान लांच किया जाएगा। गृहमंत्री अमित शाह 13 अप्रैल की शाम को इसको गति देंगे। 

क्या है प्रेसिडेंसी क्षेत्र

पश्चिम बंगाल के ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र को प्रेसिडेंसी क्षेत्र कहा जाता है। इस क्षेत्र में अंतिम चार चरणों में चुनाव होने हैं। यहां 40 सीटें हैं। बीजेपी अंतिम चार चरणों में इन चालीस सीटों पर फोकस करने के लिए नई रणनीति के साथ उतरना चाहती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार मंगलवार को नए अभियान का शुभारंभ होगा। हालांकि, पार्टी के जिम्मेदार बताते हैं कि पार्टी के पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों या रैलियों में कोई परिवर्तन नहीं किए गए हैं। 

कोलकाता को माना जाता है देश की सांस्कृतिक राजधानी

कोलकाता को भारत की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है। भारत में साहित्य, आध्यात्मिकता, संगीत और सिनेमा की बहुत सी विभूतियां यहां से निकली है। जानकार बताते हैं कि कोलकाता में शुरू हुई बंगाली पुनर्जागरण काल से ही इस शहर में शानदार बदलाव हुए हैं। सती प्रथा के उन्मूलन जैसे सामाजिक सुधारों की बात हो या विधवा पुनर्विवाह को वैध बनाने का अभियान, कोलकाता महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए इन कदमों का गवाह रहा है। देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाली भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन के अलावा यह क्षेत्र कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया। 

कोलकाता की उपेक्षा हुई 

बीजेपी का मानना है कि गौरवशाली अतीत वाले कोलकाता को अतीत की राज्य सरकारों द्वारा उपेक्षा के कारण बुनियाद रूप से कमजोर कर दिया है। शहर और इसके लोग कई मोर्चों पर कई मुद्दों का सामना कर रहे हैं। यहां ढहते हुए बुनियादी ढाँचे, अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं, आर्थिक विकास की कमी और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ी है। 

गौरवशाली अतीत को पुनसर््थापित करने के लिए भाजपा का अभियान

कोलकाता को लेकर बीजेपी ने नया एक्शन प्लान बनाया है। शहरी क्षेत्र की अनूठी विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने यहां की बुनियादी ढ़ांचे को सुदृढ़ करने और अन्य मुद्दों को लेकर एक नया अभियान लेकर आने निर्णय लिया है। भाजपा पश्चिम बंगाल कोलकाता में एक बड़े पैमाने पर सार्वजनिक आउटरीच अभियान का आयोजन करेगी जिसमें 2000 से अधिक छोटे पोथो सभाएं होंगी। इसके तहत भाजपा के महत्वपूर्ण नेतागण क्षेत्र के 40 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचेंगे। यहां करीब 2000 पोथो सभाएं करके लोगों को जागरूक करेंगे। कोलकाता के लिए भाजपा के दृष्टिकोण को साझा करेंगे। 

पोथो सभाएं कर अमित शाह करेंगे श्रीगणेश

इस अभियान का उद्घाटन गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 13 अप्रैल को किया जाएगा। वह दम-दम में शाम सात बजे और बारानगर विधानसभा में सवा आठ बजे पोथो सभाओं को संबोधित करेंगे। 

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