विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर पीएम मोदी ने किया विभाजन में मारे गए लोगों को याद, कांग्रेस ने किया कटाक्ष

Partition Horrors Remembrance Day: पीएम मोदी ने पिछले साल घोषणा की थी कि लोगों के संघर्षों और बलिदानों की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 14, 2022 1:22 PM IST

नई दिल्ली। जश्न-ए-आजादी के एक दिन पहले पूरे देश में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day) मनाया गया। पीएम मोदी (PM Modi) द्वारा शुरू किए गए इस स्मृति दिवस पर विभाजन के दौरान मारे गए देशवासियों को नमन किया गया। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन के दौरान जान गंवाने वालों को श्रद्धासुमन अर्पित कर याद किया। हालांकि, इस आयोजन पर विपक्ष ने सत्तारूढ़ बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए राजनीति करने का आरोप लगाया है। 

पिछले साल ही पीएम ने की थी घोषणा

पीएम मोदी ने उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई, और त्रासदी के दौरान पीड़ित लोगों के लचीलेपन और धैर्य की सराहना की। उन्होंने पिछले साल घोषणा की थी कि लोगों के संघर्षों और बलिदानों की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।

बीजेपी के सीनियर लीडर्स ने भी दी श्रद्धांजलि

'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी यहां जंतर मंतर पर एक मौन जुलूस का नेतृत्व किया। इसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर सहित पार्टी के कई नेता शामिल हुए। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उन लोगों को याद किया जिन्होंने विभाजन के दौरान असहनीय कीमत चुकाई थी। उन्होंने कहा कि हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि कैसे स्वार्थ और व्यक्तिगत हितों की राजनीति ने विभाजन और दर्द को जन्म दिया।

शाह बोले-इतिहास के अमानवीय अध्याय को नहीं भुलाया जा सकेगा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत के इतिहास के अमानवीय अध्याय को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। यह इतिहास का सबसे स्याह पक्ष रहा। हमें आजादी तो मिली ने इसका देश ने काफी कीमत चुकाया है। अपनी श्रद्धांजलि में शाह ने कहा कि यह युवा पीढ़ी को देशवासियों द्वारा झेली गई यातना और दर्द की याद दिलाएगा और नागरिकों को हमेशा के लिए शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रेरित करेगा। शाह ने कहा कि 1947 में देश का विभाजन भारतीय इतिहास का वह अमानवीय अध्याय है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। हिंसा और घृणा ने लाखों लोगों की जान ले ली और असंख्य लोगों को विस्थापित किया। आज 'विभाजन भयावह स्मरण दिवस' पर मैं उन लाखों लोगों को नमन करता हूं, जिन्हें विभाजन का खामियाजा भुगतना पड़ा।

कांग्रेस बोली-राजनीतिक चारे के रूप में बीजेपी कर रही इस्तेमाल

हालांकि, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में चिह्नित करने के लिए पीएम मोदी का असली इरादा उनकी वर्तमान राजनीतिक लड़ाई के लिए दर्दनाक घटनाओं को चारे के रूप में उपयोग करना है। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि विभाजन की त्रासदी का दुरुपयोग नफरत और पूर्वाग्रह को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभाजन की त्रासदी का दुरुपयोग नफरत और पूर्वाग्रह को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता है। सच्चाई यह है कि सावरकर ने द्वि-राष्ट्र सिद्धांत को जन्म दिया और जिन्ना ने इसे सिद्ध किया। रमेश ने बताया कि सरदार पटेल ने लिखा, 'मुझे लगा कि अगर हमने विभाजन को स्वीकार नहीं किया, तो भारत कई टुकड़ों में विभाजित हो जाएगा। और पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा'।

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