सार

Story of IAS Shah Faesal who joined Politics for short term: शाह फैसल ने जनवरी 2019 में भारतीय प्रशासनिक सेवा की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह जम्मू-कश्मीर की राजनीति में वापस आ गए थे। 

नई दिल्ली। विवादास्पद आईएएस अधिकारी शाह फैसल (Shah Faesal) को केंद्र सरकार ने बहाल कर दिया है। फैसल को जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में पर्यटन विभाग का डिपटी सेक्रेटरी बनाया गया है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने दो दिन पहले जारी अपने आदेश में श्री फैसल को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय में नियुक्त किया। केंद्र का यह कदम चार महीने बाद आया है जब उसने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए श्री फैसल के आवेदन को स्वीकार कर लिया और उन्हें अप्रैल में सेवा में बहाल कर दिया।

2010 बैच के टॉपर रहे हैं शाह फैसल 

शाह फैसल, 2010 बैच के तत्कालीन जम्मू और कश्मीर कैडर के आईएएस टॉपर (IAS Topper 2010 Batch) हैं। लेकिन आईएएस ज्वाइन करने के कुछ ही साल बाद उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया। शाह फैसल ने जनवरी 2019 में भारतीय प्रशासनिक सेवा की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह जम्मू-कश्मीर की राजनीति में वापस आ गए थे। 

नौकरी छोड़ने के बाद बनाया राजनीतिक दल

शाह फैसल ने अपना इस्तीफा सौंपने के तुरंत बाद जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) पार्टी बनाई। तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य की विशेष स्थिति को निरस्त करने के तुरंत बाद उन्हें कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था। पुलिस हिरासत में रहने के बाद शाह फैसल की रिहाई हुई तो राजनीति से उनका मोहभंग हो चुका था। डॉक्टर से नौकरशाह और फिर राजनेता बने शाह फैसल ने राजनीति 2020 में छोड़ने का मन बनाया। राजनीति से वह फिर सरकारी सेवा में जाने की इच्छा जताई। उधर, इस्तीफा देने के बाद भी शाह फैसल का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था। फिर उन्होंने डीओपीटी में इस्तीफा वापस लेने के लिए आवेदन किया। इसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया। 

नौकरी में वापस हुए तो बोले-आदर्शवाद ने निराश किया

बीते 27 अप्रैल को शाह फैसल ने ट्वीट किया कि उनके आदर्शवाद ने उन्हें निराश किया है। उन्होंने कहा कि 'मेरे जीवन के 8 महीनों (जनवरी 2019-अगस्त 2019) ने इतना सामान बनाया कि मैं लगभग समाप्त हो गया था। एक कल्पना का पीछा करते हुए, मैंने लगभग वह सब कुछ खो दिया जो मैंने वर्षों में बनाया था। नौकरी। दोस्तों। प्रतिष्ठा। सार्वजनिक सद्भावना। लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई। मेरे आदर्शवाद ने मुझे निराश किया।' उन्होंने अपने ट्वीट में जिन आठ महीनों का उल्लेख किया, वह उनके इस्तीफे के बाद की अवधि थी, जिसे उन्होंने अपनी पार्टी शुरू करने में बिताया।

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