मुकुल राॅय को ममता बनर्जी ने कराया TMC ज्वाइन, बोलेः बंगाल और देश की सबसे बड़ी नेत्री ममता थीं और रहेंगी

मुकुल राॅय को 2017 में टीएमसी से छह साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर मुकुल को ममता बनर्जी ने बाहर का रास्ता दिखाया था। इसके बाद वे भाजपा में चले गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में मुकुल रॉय का पश्चिम बंगाल का संयोजक बनाया गया था।

कोलकाता। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय की घरवापसी हो गई है। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने मुकुल राॅय को पार्टी में शामिल करने की घोषणा की है। उनके साथ विधायक बेटे की भी पार्टी में शामिल हुए हैं। 

टीएमसी में आने के बाद मुकुल राॅय ने कहा कि मुझे इस इमारत में आकर बहुत अच्छा लग रहा है। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि बंगाल आज अपनी जगह पर आ चुका है। बंगाल में और देश की सबसे बड़ी नेत्री ममता बनर्जी थी और रहेंगी। अचानक बीजेपी से मोहभंग पर उन्होंने कहा कि अभी जो स्थितियां है, उससे बीजेपी में कोई भी नहीं रहना चाहेगा। 

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CM ममता बनर्जी बोली कि हमारा दल एक शक्तिशाली पार्टी है। टीएमसी अध्यक्ष ने कहा कि हमारी पार्टी में कई लोगों की वापसी हुई है लेकिन जिन लोगों ने पार्टी के साथ गद्दारी की है उनको किसी भी सूरत में नहीं वापस लिया जाएगा।  उन्होंने कहा कि हम एजेंसीज का इस्तेमाल कर किसी को अपनी पार्टी में नहीं शामिल करा रहे हैं। मुकुल आना चाहते थे इसलिए उनको लिया गया है। मुकुल राॅय को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने के सवाल पर ममता बनर्जी ने कहा कि मुकुल को जल्द बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी।  

इसलिए नाराज थे मुकुल राय भाजपा से 

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय की घर वापसी के पीछे उनकी शुभेंदु अधिकारी से पटरी नहीं बैठना माना जा रहा। जब से भाजपा ने शुभेंदु अधिकारी को बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया है, तब से मुकुल रॉय खफा चल रहे हैं। इसी मनमुटाव के बीच मुकुल रॉय की पत्नी कोरोना पॉजिटिव हो गईं, लेकिन पार्टी ने उनकी तबीयत तक नहीं पूछी। जबकि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी मुकुल रॉय की पत्नी की तबीयत जानने अस्पताल पहुंचे थे। तब से मुकुल रॉय की नाराजगी सार्वजनिक हो गई थी। 

2017 में ममता बनर्जी कार्रवाई की 

मुकुल रॉय बंगाल की राजनीति का जाना-माना चेहरा हैं। उन्होंने कांग्रेस के साथ अपना राजनीति करियर शुरू किया था। वे तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। 2006 में वे राज्यसभा भेजे गए थे। 2012 में दूसरी बार राज्यसभा सांसद बने। वे मनमोहन सिंह सरकार में जहाजरानी मंत्री और फिर रेल मंत्री बनाए गए।
लेकिन 2017 में जब वे भाजपा नेताओं से मिले तो ममता बनर्जी कार्रवाई की। मुकुल राॅय को 2017 में टीएमसी से छह साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर मुकुल को ममता बनर्जी ने बाहर का रास्ता दिखाया था। इसके बाद वे भाजपा में चले गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में मुकुल रॉय का पश्चिम बंगाल का संयोजक बनाया गया था। पिछले साल उन्हें भाजपा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया गया था। अभी चार भी नहीं बीते और मुकुल राॅय को फिर से टीएमसी में वापसी कराई जा रही है। 
 

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