गृहमंत्री पर 100 करोड़ की वसूली का आरोप: HC ने सौंपी CBI को जांच, कहा-पुलिस नहीं कर सकती निष्पक्ष जांच

 महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश हो गया है। बांबे हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई को प्रारंभिक जांच के आदेश दिया।

Asianet News Hindi | Published : Apr 5, 2021 6:11 AM IST / Updated: Apr 05 2021, 12:54 PM IST

मुंबई। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश हो गया है। बांबे हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई को प्रारंभिक जांच के आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने सीबीआई को 15 दिनों के भीतर प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अनिल देशमुख गृहमंत्री होने के नाते पुलिस विभाग के मुखिया हैं। इसलिए पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर पाएगी। सीबीआई प्रारंभिक जांच कर पंद्रह दिन में रिपोर्ट पेश करे।

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। 31 मार्च को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। 

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बिना एफआईआर ही सीबीआई प्रारंभिक रिपोर्ट दे

फैसला सुनाते हुए बांबे हाईकोर्ट ने कहा कि आरोप गृहमंत्री पर है। लेकिन बिना एफआईआर के कोई मामला सीबीआई जांच को कैसे दिया जा सकता है। यह पूरा मामला एफआईआर के इर्दगिर्द ही घूम रहा है। जयश्री पाटिल ने पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास किया था लेकिन उनको सफलता नहीं मिली। अन्य मुद्दों पर अभी चर्चा नहीं होगी। मामला गृहमंत्री से जुड़ा है और पुलिस विभाग का मुखिया होने के नाते निष्पक्ष जांच की अपेक्षा नहीं की जा सकती। ऐसे में सीबीआई बिना एफआईआर किए निष्पक्ष जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट दे। 

100 करोड़ रुपये हर महीना उगाही का आरोप

महाराष्ट्र सरकार ने पिछले दिनों मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को उनके पद से हटाकर डीजी होमगार्ड बना दिया था। पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। परमबीर ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख पुलिस विभाग के चर्चित अधिकारी सचिन वाजे के माध्यम से हर महीने 100 करोड़ उगाही का लक्ष्य दिए थे। चिट्ठी में आरोप लगाया था कि गृहमंत्री ने उनको घर बुलाया था और 100 करोड़ रुपये हर महीना उगाही करके देने को कहा था।

लेटर बम से सियासत गरमाई

पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर के बाद सियासी माहौल काफी गरम हो गया। विपक्ष उद्धव सरकार को घेरने में लग गया। उधर, सरकार ने मामले की जांच कराने को कहा लेकिन पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह सीबीआई जांच की मांग करते रहे। वह सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट पहुंचे।

अनिल देशमुख ने आरोपों को किया खारिज

उधर, महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने परमबीर सिंह के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली गाड़ी के मालिक की हत्या में सचिन वाजे गिरफ्तार हो चुके हैं। पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह भी जांच के दायरे में आ सकते हैं, इन सबसे बचने के लिए वह आरोप लगा रहे हैं। 
 

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