अपने नए 'बॉर्डर कानून' के बाद भी भारत की महामिसाइल अग्नि-5 से डरा चीन; आज हो सकता है फाइनल परीक्षण

वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) पर चीन की बढ़ती हरकतों के बीच भारत 27 अक्टूबर को अपनी महामिसाइल अग्नि-5(Agni-V) का फाइनल परीक्षण कर सकता है। बता दें कि चीन ने 23 अक्टूबर को बॉर्डर सिक्योरिटी से जुड़ा नया कानून पास किया है। इसका मकसद बॉर्डर पर आम नागरिकों की मदद से अपनी ताकत बढ़ाना है।

नई दिल्ली. वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) पर चीन की हरकतों को मुंहतोड़ जवाब देने भारत पूरी तरह मुस्तैद है। अब दुश्मनों के इरादों को खाक में मिलाने भारत के पास एक नया हथियार महामिसाइल अग्नि-5(Agni-V) मिलने जा रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 27 अक्टूबर को अग्नि 5 का फाइनल परीक्षण ओडिशा तट पर हो सकता है। परमाणु शक्ति से लैस इस मिसाइल की रेंज 5000 से 8000 किलोमीटर बताई जा रही है। यानी इसकी जद में पूरा चीन आ रहा है। इस वजह से चीन इस इसे लेकर परेशान है।

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चीन के नए कानून‘फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस’की खुशी काफूर
महामिसाइल अग्नि-5 का फाइनल परीक्षण ऐसे समय में हो रहा है, जब चीन बॉर्डर पर अपनी ताकत बढ़ाने ‘फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस’ नामक कानून लेकर आया है। चीन ने 23 अक्टूबर को यह कानून पास किया है। इसे लैंड बॉर्डर लॉ कहा जा रहा है। इस कानून के अंतर्गत चीन ने सीमा के आसपास गतिविधियों, सीमा विवाद, जल विवाद, तस्करी, घुसपैठ जैसे मुद्दों को कवर किया है। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि वो बॉर्डर के पास रहने वाले अपने नागरिकों की मदद से सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना चाहता है। यानी ये लोग फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस के तौर पर काम करेंगे। इस कानून को मार्च 2021 में पेश किया गया था। 23 अक्टूबर को इसे नेशनल पीपल्स कांग्रेस की स्टैंडिंग कमेटी की मंजूरी मिल गई। 1 जनवरी 2022 से ये कानून लागू होगा।

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डरा हुआ है चीन
भारत की इस महामिसाइल की जद में पूरे एशिया के अलावा यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्से आ रहे हैं। पिछले महीने चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मीडिया से कहा था कि दक्षिण एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना सभी पक्षों के हित में है। दरअसल, चीन अग्नि-5 की टेस्टिंग से घबराया हुआ है।

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अग्नि-5 मिसाइल के बारे में
यह मिसाइल 17 मीटर लंबी, 02 मीटर चौड़ी और 50 टन वजनी है। अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया है। यह मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है। इसके अलावा एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लांच की जा सकती है। यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है। इसकी रफ्तार मैक 24 है, यानी ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है। यह एक सेकंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह 29,401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है।

चीन लगातार हरकतें कर रहा है
पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh)  में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास विवाद हो या अरुणाचल के रास्ते घुसपैठ की कोशिश, चीन लगातार उकसाने वालीं गतिविधियां करता रहता है। हालांकि भारत ने भी बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं। 

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