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World टूर कर चुका 24 साल का 'INS तरंगिनी' श्रीलंकाई Navy को सिखा रहा मुसीबत के समय डटकर खड़े रहने का 'साहस'
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पहले जानें यह ट्रेनिंग किसलिए
श्रीलंका में इस तैनाती का उद्देश्य युवा अधिकारियों और अधिकारी-प्रशिक्षुओं को हिंद महासागर क्षेत्र में विभिन्न देशों के सामाजिक-राजनीतिक और समुद्री पहलुओं से अवगत कराकर उनके दृष्टिकोण को व्यापक बनाना है। यह तैनाती प्रशिक्षुओं को समुद्र में विभिन्न तैनातियों में भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के संचालन, बंदरगाह से परिचित कराने और सबसे बढ़कर, विदेशी राष्ट्रों के साथ दोस्ताना सम्बंधों को बढ़ावा देने के बारे में भी बताएगी।
इसे दक्षिणी नौसेना कमान (SNC) के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल एके चावला लीड कर रहे हैं। भारतीय नौसेना पिछले 4 दशकों से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षुओं को ट्रेनिंग दे रही है।
कोच्चि स्थित पहला प्रशिक्षण स्क्वाड्रन भारतीय नौसेना अकादमी में अपने प्रारंभिक प्रशिक्षण के पूरा होने पर भारतीय नौसेना के कार्यकारी अधिकारियों को 'फर्स्ट सी लेग्स' प्रदान करता है। इसका मतलब उन्हें डगमगाते जहाज पर ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें सक्षम बनाया जाता है। स्क्वाड्रन में स्वदेशी रूप से निर्मित 7 जहाज शामिल हैं। भारतीय नौसेना के जहाज तीर, सुजाता, मगर, शार्दुल, तटरक्षक जहाज विक्रम और दो सेल ट्रेनिंग जहाज INS सुदर्शनी और INS तरंगिनी हैं। स्क्वाड्रन वर्तमान में कैप्टन आफताब अहमद खान, सीनियर ऑफिसर फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन की देखरेख में है, जो कमांडिंग ऑफिसर, आईएनएस तीर के कमांडिंग अधिकारी भी हैं।
4 दिवसीय तैनाती के दौरान भारतीय नौसेना के जहाज मगर और शार्दुल 101 आईओटीसी के प्रशिक्षुओं के साथ कोलंबो बंदरगाह का दौरा करेंगे। INS जहाज सुजाता, सुदर्शनी, तरंगिनी और सीजीएस विक्रम 100वें आईओटीसी के प्रशिक्षुओं के साथ त्रिंकोमाली(Trincomalee) पोर्ट में रहेंगे। दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच विभिन्न प्रशिक्षण गतिविधियों का आयोजन करने की योजना है, जिसका उद्देश्य दोनों सेनाओं की अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना है।
यह ट्रेनिंग न केवल साहस और जोश के साथ चुनौतियों का सामना करने की क्षमता विकसित करेगी, बल्कि समुद्री वातावरण के तत्वों की गहरी समझ और उनके प्रति सम्मान भी पैदा करेगा। सभी आने वाले जहाजों के पूरे दल का दोहरा टीकाकरण किया गया है और उनका कोविड-19 के लिए परीक्षण भी किया गया है।
यह है INS तरंगिनी और सुदर्शनी की कहानी
इसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड(Goa Shipyard Limited-GSL) ने भारतीय नौसेना के कैडेटों की ट्रेनिंग के लिए ही तैयार किया है। यह जहाज जहाज कोलिन मूडी, यूके की डिजाइन पर विश्वव्यापी अभियानों के लिए तैयार किया गया है। इसे 11 नवम्बर 1997 को कमीशन किया गया था। ‘आईएनएस तंरगिनी’ के सफल प्रदर्शन के बाद GSL ने दूसरे नाविक प्रशिक्षण जहाज ‘INS सुदर्शनी’ को 27 जनवरी 2012 को कमीशन किया था।
जहाज में लगभग 1035 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के 18 पाल (जहाज के ऊपर कपड़े का झंडानुमा एरिया, जिस पर हवा के दवाब से जहाज आगे बढ़ता है) हैं। इसे लगातार 20 दिनों तक के लिए समुद्र में छोड़ा जा सकता है। जहाज में 60 लोगों के रहने की व्यवस्था है। इसकी स्पीड 8 नॉट है।