उड़ने को तैयार नहीं UK का F-35B विमान, केरल से ले जाने को किया जा सकता है यह इंतजाम

Published : Jul 03, 2025, 04:46 PM IST
F-35B jet in Kerala

सार

केरल में फंसे ब्रिटिश F-35B जेट की वापसी कब होगी यह तय नहीं है। इसके खुद से उड़कर जाने की उम्मीद कम है। इसे कार्गो विमान से ले जाए जाने की संभावना है।

F-35B Jet: केरल में ब्रिटिश रॉयल नेवी का लड़ाकू विमान F-35B फंसा हुआ है। तत्काल उसके खुद उड़ान भरकर वापस जाने की संभावना कम है। पांचवीं पीढ़ी के इस फाइटर जेट ने 14 जून को तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग की थी। India Today की रिपोर्ट के अनुसार अब ऐसी संभावना है कि विमान को आंशिक रूप से खोला जाएगा। इसे मिलिट्री कार्गो विमान में भरकर वापस यूके ले जाया जाएगा।

केरल में इस विमान की मरम्मत की कई कोशिशें की गईं, लेकिन यह उड़ने की हालत में नहीं पहुंचा। इसकी खराबी दूर नहीं हो सकी। मामले से परिचित सूत्रों के अनुसार अब तक इस विमान को उड़ने लायक बनाने की सभी कोशिशें असफल हुईं हैं।

कार्गो विमान में लोड कर वापस ले जाया जाएगा F-35B जेट

विमान ठीक करने में हो रही देर के बाद भी गुरुवार दोपहर तक यूके से कोई इंजीनियरिंग टीम केरल नहीं पहुंची। मरम्मत के लिए 30 इंजीनियरों की टीम के आने की उम्मीद थी, लेकिन वे भारत नहीं पहुंचे हैं। इस समय विमान की वापसी की कोई समयसीमा तय नहीं है। ब्रिटिश अधिकारी अब विमान को वापस लाने के लिए वैकल्पिक योजनाओं पर काम कर रहे हैं। इसमें विमान को आंशिक रूप से खोलना शामिल है। विमान के कुछ हिस्से को खोलकर अलग किया जाएगा ताकि इसे कार्गो विमान में लोड किया जा सके।

इंधन की कमी और खराब मौसम के चलते केरल में उतरा था F-35B जेट

बता दें कि ब्रिटिश नौसेना का लड़ाकू विमान F-35B विमान वाहक पोत एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स (HMS Prince of Wales) पर तैनात था। यह केरल के तट से 100 समुद्री मील दूर ऑपरेशन कर रहा था। खराब मौसम और कम ईंधन के कारण इसके लिए एयर क्राफ्ट कैरियर पर वापस लौटना मुश्किल था। इसके चलते विमान के पायलट ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग का फैसला किया। भारतीय वायु सेना ने सुरक्षित लैंडिंग की सुविधा प्रदान की और ईंधन भरने और रसद सहायता प्रदान की।

F-35B जेट का हाइड्रोलिक सिस्टम है खराब

इंधन भरने के बाद लड़ाकू विमान लौटने की तैयारी कर रहा था। टेकऑफ से पहले जांच के दौरान हाइड्रोलिक के ठीक के काम नहीं करने का पता चला। इस समस्या को गंभीर माना जाता है। इससे विमान को सुरक्षित रूप से उड़ान भरने और उतरने में परेशानी होती है। तीन इंजीनियरों की छोटी रॉयल नेवी टीम ने खराबी ठीक करने की कोशिश की, लेकिन वे इसे ठीक नहीं कर सके।

विमान को CISF (Central Industrial Security Force) की सुरक्षा में एयरपोर्ट के बे 4 में पार्क किया गया है। शुरुआत में रॉयल नेवी ने बारिश के बावजूद विमान को हैंगर में ले जाने के एयर इंडिया के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। बाद में ब्रिटिश नौसेना ने जेट को हैंगर में ले जाने पर सहमति जताई।

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