गुजरात के खाड़ी क्षेत्र के हमारी नाला इलाके में पाकिस्तानी मछुआरों की तलाश के लिए बीएसएफ के क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। बीएसएफ ने अब तक 11 पाकिस्तानी मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जब्त किया है।
नई दिल्ली। गुजरात के खाड़ी क्षेत्र के हमारी नाला इलाके में पाकिस्तानी मछुआरों की तलाश के लिए बीएसएफ के क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो (creek crocodile commandos) सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। ड्रोन से निगरानी के दौरान इस इलाके में पाकिस्तानी मछुआरों की मौजूदगी की जानकारी मिली। इसके बाद एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से बीएसएफ के कमांडो को मौके पर पहुंचाया गया। जवानों को आता देख पाकिस्तानी मछुआरे नाव छोड़कर मैंग्रोव के जंगल में छिप गए। जवानों ने 11 नावों को जब्त कर लिया है। इसके साथ ही पाकिस्तानी मछुआरों की तलाश की जा रही है।
9 फरवरी 2022 को दोपहर में हरामी नाला में पाकिस्तानी मछली पकड़ने वाली नौकाओं और मछुआरों की घुसपैठ की सूचना मिली थी। डीआईजी बीएसएफ भुज ने लगभग 300 वर्ग किलोमीटर में फैले इलाके में तुरंत बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया। जीएस मलिक, आईपीएस, आईजी बीएसएफ गुजरात फ्रंटियर गांधीनगर से तड़के कच्छ पहुंचे और व्यापक तलाशी अभियान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं।
बीएसएफ ने अब तक 11 पाकिस्तानी मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जब्त किया है। कमांडो के 3 समूहों को वायु सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा तीन अलग-अलग दिशाओं से जमीन पर उतारा गया है। इस इलाके में पाकिस्तानी छिपे हुए हैं। अत्यधिक दलदली क्षेत्र, मैंग्रोव और ज्वार का पानी सैनिकों के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहा है। पाकिस्तानियों की तलाशी का अभियान जारी है।
बीएसएफ की कड़ी निगरानी में है इलाका
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 30 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं। ऑपरेशन अभी भी जारी है। पाकिस्तानी मछुआरों के इलाके से भागने की कोई संभावना नहीं है। हमने भुज के क्रीक क्षेत्र में छिपे मछुआरों की खोज के लिए भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर से अपने 'क्रीक क्रोकोडाइल कोमांडो' को तैनात किया है। कमांडो रण के क्रीक क्षेत्रों में गश्त और अन्य अभियान चलाने के लिए बीएसएफ की एक विशेष इकाई का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि बुधवार दोपहर ड्रोन के माध्यम से हरामी नाला क्षेत्र की नियमित हवाई निगरानी के दौरान आठ पाकिस्तानी नौकाओं को देखा गया। संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ने के लिए तत्काल एक टीम ने फास्ट अटैक क्राफ्ट के माध्यम से भेजा गया, लेकिन घुसपैठियों को इसका पता चल गया। वे अपनी नावों से कूदकर छिप गए। वे अभी भी इलाके में छिपे हुए हैं, तब से पूरा इलाका बीएसएफ की कड़ी निगरानी में है। अत्यधिक दलदली क्षेत्र, मैंग्रोव और ज्वार का पानी सैनिकों के काम को चुनौतीपूर्ण बना रहा है। ऑपरेशन जारी है।"
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