बुद्धम शरणम गच्छामि: भारत को क्यों कहते हैं 'The Land of Buddha' अगर जानना है, तो कभी इस ट्रेन में बैठें

भारत भगवान बुद्ध की जन्मस्थली है। इसलिए इसे 'The Land of Buddha' भी कहते हैं। 2500 साल पुराने बौद्ध धर्म के दर्शन(philosophy) और उसके इतिहास से रूबरू कराने पर्यटन मंत्रालय कई सालों से बौद्ध सर्किट ट्रेन चला रहा है। जानिए पूरी कहानी...

नई दिल्ली.Corona की स्थिति में सुधार के साथ ही पर्यटन मंत्रालय(Tourism Ministry) ने पर्यटन की दिशा में फिर से काम करना शुरू कर दिया है। इसमें बौद्ध पर्यटन भी शामिल है। बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से 4 अक्टूबर से  8 अक्टूबर 2021 तक बौद्ध सर्किट ट्रेन FAM यात्रा यानी परिचय यात्रा (familiarization trip) और सम्मेलन(Buddhist Circuit Train FAM) का आयोजन किया है। इसका उद्देश्य देश-दुनिया को विभिन्न गतिविधियों के जरिये पर्यटन स्थलों से अवगत कराना है। FAM टूर और सम्मेलन में टूर ऑपरेटरों, होटल व्यवसायियों, मीडिया और पर्यटन मंत्रालय और राज्य सरकारों के अधिकारियों सहित लगभग 125 प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। इसके अलावा करीब 100 स्थानीय टूर ऑपरेटर और पर्यटन और अन्य लोग बोधगया और वाराणसी में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेंगे।

IRCTC करता है इस ट्रेन का संचालन
रेलवे की यह बौद्ध सर्किट ट्रेन भारत और नेपाल में फैले गौतम बुद्ध से जुड़े स्थलों का भ्रमण कराती है। यह ट्रेन बुद्ध के जन्मस्थान लुंबिनी, बोधगया (जहां उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ), सारनाथ (जहां उन्होंने अपना पहला उपदेश दिया) और कुशीनगर (जहां उन्होंने निर्वाण प्राप्त किया, का भ्रमण कराती है।
इस यात्रा के बारे में और अधिक जानकारी यहां क्लिक करके ले सकते हैं

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जानिए बौद्ध धर्म के बारे में
बौद्ध धर्म का जन्म 2500 साल से भी पहले प्राचीन भारत में हुआ था। आज यह एशिया के ज्यादातर हिस्सों में फैल गया है। बौद्ध धर्म के दुनियाभर में करीब 500 मिलियन अनुयायियों के साथ बौद्ध दुनिया की कुल आबादी का 7% प्रतिनिधित्व करते हैं।

बौद्ध पर्यटन के विकास के लिए कई प्रोजेक्ट
भारत को बौद्ध की भूमि(The Land of Buddha) के रूप में पहचान दिलाने केंद्र सरकार कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। स्वदेश दर्शन योजना(Swadesh Darshan Scheme) के तहत मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और आंध्र प्रदेश राज्यों में बौद्ध सर्किट विकास के लिए 325.53 करोड़ रुपए के 5 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी, जो अब पूरा होने की स्थिति में हैं। इसके अलावा प्रसाद योजना(PRASHAD Scheme) के तहत तीन अन्य प्रोजेक्ट के लिए 44.19 करोड़ रुपए के कार्य मंजूर किए गए हैं। वाराणसी में बौद्ध संरचनाओं के विकास के लिए 9.5 करोड़ रुपये की लागत से धमेक स्तूप में एक ध्वनि और प्रकाश शो और एक बुद्ध थीम पार्क, सारनाथ सहित दो परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। भारत में दुनियाभर से बौद्ध पर्यटक आते हैं। इनमें अकेले बोधगया में 6% पर्यटक पहुंचते हैं।

पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बुद्धिस्ट सर्किट ट्रेन फैम टूर को हरी झंडी दिखाई
सोमवार को पर्यटन और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से बौद्ध सर्किट विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। फैम टूर दिल्ली से दिल्ली तक है, जिसमें प्रमुख बौद्ध स्थलों की यात्रा और बोधगया एवं वाराणसी में सम्मेलनों को कवर करना शामिल हैं। 

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