Budget 2021: भारत कोरोना महामारी पर जीत पा चुका, अब तेजी से विकास और परिवर्तन पर फोकस

हमने इन सभी चुनौतियों का सामना किया, एकजुट रहे, बहुत कुछ हासिल किया और आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना लॉकडाउन के वक्त आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया। देश को उन अवसरों का फायदा उठाने के लिए तैयार किया, जो कोरोना के बाद बदलती दुनिया की व्यवस्था के सामने खुद को प्रस्तुत करने वाला है। 

राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट पेश किया। इस बजट से यह साफ संदेश गया कि भारत में सदियों से चला आ रहा खराब आर्थिक तूफान आखिरकार खत्म हो गया। 

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वहीं, इससे दूसरा संदेश यह गया कि इस महामारी के दौरान हमारी सरकार और लोगों ने जिस दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया, वह सराहनीय है। भारत ने पिछले 10 महीनों में लंबा सफर तय किया। इन महीनों में अथक परिश्रम करने वाले पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना किया। 

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने, हेल्थकेयर और टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाने, पीपीई किट क्षमता को बढ़ाने, मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक वाहनों की व्यवस्था करना, चीन बॉर्डर पर चुनौतियों का सामना करना, लॉकडाउन की वजह से गिरती अर्थव्यवस्था पर काबू पाना, वैक्सीन बनाने और वितरण जैसी चुनौतियों का सामना किया। 

भारत ने इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए लोगों के जीवन और अर्थव्यवस्था को बचाया। साथ ही संरचनात्मक सुधार के साथ अर्थव्यवस्था को V सेप में ले जाने की दिशा में काम किया। इसी के साथ चीन को भी कड़ा संदेश दिया। साथ ही देश में नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन की 217 परियोजनाओं को पूरा किया। 
 
चुनौतियों के सामने हम एकजुट रहे
हमने इन सभी चुनौतियों का सामना किया, एकजुट रहे, बहुत कुछ हासिल किया और आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना लॉकडाउन के वक्त आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया। देश को उन अवसरों का फायदा उठाने के लिए तैयार किया, जो कोरोना के बाद बदलती दुनिया की व्यवस्था के सामने खुद को प्रस्तुत करने वाला है। 

बजट 2021-22 आत्मनिर्भर भारत के लिए बजट कोरोना के बाद की दुनिया में भविष्य तय करता है। बजट सबसे पहले भारतीयों और भारत के वर्तमान और भविष्य के कल्याण और स्वास्थ्य को बताता है। स्वास्थ्य इंफ्रा, पोषण, स्वच्छता, पानी के लिए स्वास्थ्य का बजट 95,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 2.45 लाख करोड़ तक पुहुंचा।
 
यह बजट शिक्षा के साथ-साथ इस आत्म निर्भर भारत के लिए एक मजबूत सामाजिक पूंजी बनाने का आधार है। पीएम मोदी का बजट हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें 602 ब्लॉक में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने, हर राज्य में टेस्टिंग लैब और चार नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी समेत भारत में हेल्थकेयर क्षमताओं को बढ़ाने पर फोकस है। 
 
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए इन निवेशों और विस्तार से संकेत मिलता है कि भारत कभी भी महामारी में अपने आप को, अपने जीवन और आजीविका को खतरे में नहीं डालेगा। यह स्पष्ट है कि अगले कुछ सालों में, सरकार आर्थिक विकास को चलाने के लिए सबसे विश्वसनीय है और सरकार लोगों की अपेक्षा के अनुरूप है।  इस बजट को विकास के लिए बनाया गया है। 

भारत को मैन्युफैक्चरिंग पॉवर बनाने पर फोकस
इस बजट का फोकस भारत को मैन्युफैक्चरिंग शक्ति बनाने पर है। सफल PLI योजना के परिणाम और आगे मिलेंगे। इस बजट का फोकस मेगा कपड़ा निर्यात पार्कों के साथ विनिर्माण को और अधिक विस्तारित करने पर है। यह सार्वजनिक क्षेत्र के बंदरगाहों और रेलवे नेटवर्क को आधुनिक और अधिक कुशल बनाने पर फोकस रहेगा। 

 आधुनिक आत्म निर्भर भारत लॉजिस्टिक्स इको-सिस्टम ध्यान देने योग्य है और यदि इसे बनाया गया है, तो दुनियाभर की कंपनियों के लिए भारत चीन से अच्छा विकल्प बनकर सामने आएगा। 

 मुझे विशेष रूप से खुशी हुई कि वित्त मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि किसानों के कल्याण के लिए और MSP के रिकॉर्ड समेत कृषि अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए कितना काम किया गया है। एग्री इंफ्रा फंड के विचार से किसानों की आय को दोगुना करने और बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को बताता है।

सरकार अपने संसाधन आधारों का भी विस्तार कर रही है और यह टैक्स सिस्टम पर निर्भर नहीं है। परिसंपत्तियों के पुनर्चक्रण के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करने के लिए संसाधनों का विस्तार करके गैर-रणनीतिक निवेशों और भूमि के निजीकरण से प्राप्त संसाधनों का इस्तेमाल स्वास्थ्य और शिक्षा के सामाजिक खर्चों में निवेश करने के लिए होगा। 

बजट में वास्तिवकता की झलक
सार्वजनिक परिसंपत्तियों के सिद्धांत का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए होना चाहिए, इस बजट में यह वास्तविक दिखाई दे रहा है। यह कि सरकार को विकास दर को बढ़ाने के लिए अपनी व्यय क्षमता पर भरोसा है, इसे रोडमैप द्वारा दर्शाया गया है। मुझे विश्वास है कि भारत यहां भी अच्छा करेगा।

महामारी के दौरान पिछले 10 महीनों में एक राष्ट्र के रूप में सभी की कड़ी मेहनत और उपलब्धियों के आधार पर बजट 2021 के इस बिंदु तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय की। साथ ही अगले साल 11% वृद्धि और आने वाले सालों में और अधिक विकास के वादे पर विपक्षी कुछ सवाल जरूर उठा सकते हैं। 
 
लेकिन हमें परेशान नहीं होना चाहिए, क्योंकि पिछले 10 महीनों में देश और नेतृत्व ने देश और उसके बाहर सच्ची ताकत और क्षमताओं का प्रदर्शन किया। यह भारतीय अर्थव्यवस्था का वास्तविक पुनर्गठन है। पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि से विकास आकांक्षाओं का पुनर्गठन है। अब हम सभी को विश्वास हो सकता है कि विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी भारत का गठन हो रहा है। यह विश्व व्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाने और विस्तार करने के लिए तैयार है। 

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