IPO लाकर LIC की हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, आखिर क्या है आईपीओ और क्यों पड़ी इसे लाने की जरूरत?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 2020-21 का बजट पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने इंश्योरेंस और बैकिंग सेक्टर के लिए बड़ी घोषणाएं कीं। इंश्योरेंस सेक्टर में जहां FDI को 49% से बढ़ाकर 74% किया गया, वहीं IDBI के साथ-साथ दो बैंक और एक पब्लिक सेक्टर कंपनी में विनिवेश (Disinvestment) होगा। इसके साथ ही सरकार पब्लिक सेक्टर की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC की हिस्सेदारी बेचेगी और इसके लिए IPO लाया जाएगा।

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 2020-21 का बजट पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने इंश्योरेंस और बैकिंग सेक्टर के लिए बड़ी घोषणाएं कीं। इंश्योरेंस सेक्टर में जहां FDI को 49% से बढ़ाकर 74% किया गया, वहीं IDBI के साथ-साथ दो बैंक और एक पब्लिक सेक्टर कंपनी में विनिवेश (Disinvestment) होगा। इसके साथ ही सरकार पब्लिक सेक्टर की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC की हिस्सेदारी बेचेगी और इसके लिए IPO लाया जाएगा। माना जा रहा है कि यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ भी होगा। 

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LIC में हिस्सेदारी बेच पूंजी जुटाएगी सरकार : 
सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC में हिस्सेदारी बेचकर पूंजी जुटाना चाहती है। इससे LIC को शेयर मार्केट में लिस्ट कराया जाएगा। यह सरकार की विनिवेश नीति का हिस्सा है और इसके लिए वो लगातार काम कर रही है। वैसे, आईपीओ के बारे में आम लोगों को कम ही जानकारी है। आखिर क्या है आईपीओ और सरकार को इसे लाने की जरूरत क्यों पड़ रही है। इस पैकेज में हम बता रहे हैं इन्हीं बातों को। 

क्या होता है IPO : 
आईपीओ को इनिशियल पब्लिक ऑफर (Initial Public Offer) कहते हैं। दरअसल, जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर पब्लिक को ऑफर करती है तो इसे आईपीओ कहते हैं। इस प्रक्रिया में कंपनियां अपने शेयर आम लोगो को ऑफर करती है और यह प्राइमरी मार्केट के अंतर्गत होता है। आईपीओ के जरिए कंपनी फंड इकट्ठा करती है और उस फंड को कंपनी की तरक्की में खर्च करती है। इसके बदले में आईपीओ खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। 

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IPO लाने की क्या है वजह :
1 - जब किसी कंपनी को लगता है कि वह निरंतर ग्रोथ कर रही है और उसे ज्यादा विस्तार की जरूरत है तो इस स्थिति में कंपनी आईपीओ जारी करती है। कंपनी के विस्तार के लिए वैसे तो वह बैंक लोन का सहारा भी ले सकती है, लेकिन बैंक लोन को कंपनी को एक निश्चित समय पर निश्चित ब्याज के साथ लौटाना होता है। वहीं अगर कंपनी आईपीओ के जरिए फंड इकट्ठा करती है तो उसे किसी को न तो वह पैसा लौटाना पड़ता है और न ही किसी तरह का ब्याज देना पड़ता है। 
2- जब कंपनी ज्यादा कर्ज में होती है तो इस स्थिति में भी कंपनी आईपीओ जारी करती है। ऐसे में कंपनी किसी बैंक से लोन लेकर कर्ज चुकाने की जगह कंपनी के कुछ शेयर बेच कर कर्ज का भुगतान करती है। इससे कंपनी के कर्ज का भी भुगतान हो जाता है और कंपनी को नए इन्वेस्टर भी मिल जाते हैं। साथ ही इन्वेस्टर्स को भी कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। 
3- आईपीओ जारी करने की एक और वजह होती है कंपनी द्वारा अपने नए प्रोडक्ट्स और सर्विस को लॉन्च करना। जब कभी कोई कंपनी किसी नए प्रोडक्ट्स या सर्विस को शुरू करती है तो कंपनी चाहती कि उस सर्विस या प्रोडक्ट्स का प्रमोशन हो और वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे। इसलिए भी IPO लाया जाता है। 

आम आदमी भी कर सकता है इन्वेस्टमेंट : 
LIC का IPO कोई भी खरीद सकता है। इसके लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है। आईपीओ जारी करने वाली कंपनी अपने आईपीओ को इन्वेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है। मतलब आईपीओ को कोई भी इनवेस्टर 3 से 10 दिनों के भीतर ही खरीद सकता है। कई बार यह ज्यादा भी होती है। जब आईपीओ क्लोज हो जाता है तो कंपनी आईपीओ का अलॉटमेंट करती है। इसके तहत कंपनी इन्वेस्टर्स को आईपीओ अलॉट करती है और इसके बाद शेयर स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो जाते हैं। 

What is IOP? Definition of IPO - What is IPO Investment - How to Buy IPO  Shares | Take Update

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