बजट सत्र के दौरान भड़क गए ओवैसी, चीखते चिल्लाते हुए कहा, सरकार जुल्म कर रही है

Published : Feb 03, 2020, 12:40 PM IST
बजट सत्र के दौरान भड़क गए ओवैसी, चीखते चिल्लाते हुए कहा, सरकार जुल्म कर रही है

सार

बजट सत्र के दौरान सीएए विरोध प्रदर्शन मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। आईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सीधे मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, हम जामिया के बच्चों के साथ हैं। यह सरकार बच्चों पर जुल्म कर रही है। 

नई दिल्ली. बजट सत्र के दौरान सीएए विरोध प्रदर्शन मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। आईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सीधे मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, हम जामिया के बच्चों के साथ हैं। यह सरकार बच्चों पर जुल्म कर रही है। यह जानते हैं कि एक बच्चे की आंख चली गई। बेटियों को मार रहे हैं। सरकार को शर्म आनी चाहिए। बच्चों को गोलियां मार रहे हैं। 
लोकसभा की कार्यवाही 1.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

"देश के लोगों को निर्दयता से मारा जा रहा" 
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, भारत के आम लोग संविधान बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। वे संविधान को हाथ में लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और राष्ट्रगान गा रहे हैं लेकिन उनपर ही गोलियां चलवाई जा रही हैं। देश के लोगों को निर्दयता से मारा जा  रहा है।

कांग्रेस ने दिया है स्थगन प्रस्ताव का नोटिस
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कोदिकुन्निल सुरेश और सांसद गौरव गोगोई ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। यह नेता चाहते हैं कि नागरिकता संशोधन कानून पर बहस हो। 

क्या है स्थगन प्रस्ताव?
यह एक ऐसा प्रस्ताव होता है, जो देश की किसी गंभीर और अविलंबनीय समस्या पर चर्चा के लिए लाया जाता है। ऐसी समस्या को टालना देश या समाज के लिए घातक हो सकता है। ऐसे प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सदन की सारी नियमित कार्यवाही रोक दी जाती है, यानी स्थगित कर दी जाती है, इसलिए इसे स्थगन प्रस्ताव कहते हैं।

क्या है नागरिकता संशोधन कानून
नागरिकता संशोधन विधेयक को 10 दिसंबर को लोकसभा ने पारित किया। इसके बाद राज्य सभा में 11 दिसंबर को पारित हुआ। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद 12 दिसंबर को यह विधेयक कानून बन गया। इस कानून के मुताबिक, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता के लिए संबंधित शख्स 6 साल पहले भारत आया हो। इन देशों के छह धर्म के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता खुला। ये 6 धर्म हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी हैं।

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