राजस्थान सरकार का किसानों पर अत्याचार, 6 लेन की सड़क बनाने किसानों की खड़ी फसल पर चलवा दिया बुलडोजर

Published : Aug 27, 2021, 05:08 PM ISTUpdated : Aug 27, 2021, 05:16 PM IST
राजस्थान सरकार का किसानों पर अत्याचार, 6 लेन की सड़क बनाने किसानों की खड़ी फसल पर चलवा दिया बुलडोजर

सार

प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई का वीडियो भी सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इस दौरान किसानों ने एसडीएम से हाथ जोड़कर उनकी फसल नष्ट न करने की गुहार लगाई लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी।

जयपुर. भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली 6 लेन की सड़क के मुआवजे की मांग को लेकर किसान दो सालों से आंदोलन कर रहे हैं। राजस्थान के हनुमान गढ़ से 61 किलोमीटर लंबा सिक्स लेन निकलना है। लेकिन अब प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए किसानों की खड़ी फसल में जेसीबी चलवा दी है।

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प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई का वीडियो भी सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इस दौरान किसानों ने एसडीएम से हाथ जोड़कर उनकी फसल नष्ट न करने की गुहार लगाई लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। किसानों को अभी तक ना जमीन का मुआवजा मिला है और अब उनकी खड़ी फसल को भी नष्ट कर दिया गया है।


 
हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में भूमि अधिग्रहण के लिए पहुंचीं एसडीएम के साथ भारी संख्या में पुलिस बल भी था। कई किसानों ने हार जोड़कर अक्टूबर तक भूमि अधिग्रहण नहीं करने की मोहलत मांगी ताकि वे फसलों की कटाई सकें। इस पर एसडीएम ने कहा कि तीन सालों हो गए अब मेरी मजबूरी है। सुरक्षाबल के आगे किसान बेबस नजर आए। सोमवार सुबह 6 बजे ही अधिकारी खेतों के किसानों में भूमि अधिग्रहण के लिए पहुंच गए। इस दौरान किसानों ने नारेबाजी भी की लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई।

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किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सरेन्द्र शर्मा ने कहा- मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे किसानों के साथ अधिकारी अन्याय कर रहे हैं। वहीं, हनुमान गढ़ कलेक्टर ने कहा- यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। 2019 में भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की गई थी तबसे किसान अब तक पांच फसल ले चुके हैं। 398 किसानों ने अपील की थी कि इसका निस्तारण कर दिया  गया है। 

क्या है किसानों की मांग
2019 से बन रहे 1256 किलोमीटर के इस 6 लाइन हाइवे के बन जाने के बाद जामनगर से अमृतसर का 26 घंटे का सफर घटकर मात्र 13 घंटे का रह जाएगा। किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी जमीन को जबरदस्ती अधिग्रहण किया जा रहा है। किसानों के अनुसार उनको मार्केट रेट 15 लाख के बजाय सिर्फ तीन लाख रुपये मुआवजा दिया जा रहा है।  
 

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