उपचुनाव के नतीजे: 11 राज्यों की 58 सीटों में से 39 पर जीती बीजेपी, MP में मिलीं 19 सीटें

बिहार विधानसभा चुनाव के साथ साथ मंगलवार को 11 राज्यों की 58 सीटों पर भी मतगणना हुई। मध्य प्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने 19 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली है। वहीं गुजरात में बीजेपी ने 8 में से 8 सीटें जीत ली हैं। यूपी में बीजेपी को 7 में से 6 सीटें मिली हैं। मणिपुर की 4 में से 3 सीट बीजेपी ने जीत ली है। हालांकि हरियाणा और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को निराशा हाथ लगी है। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 10, 2020 1:39 AM IST / Updated: Feb 01 2022, 10:05 PM IST

नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ मंगलवार को 11 राज्यों की 58 सीटों पर हुए उपचुनाव के भी नतीजे आए। उपचुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया। बीजेपी ने एमपी में 19 सीटों के अलावा, गुजरात में 8, यूपी में 6, मणिपुर में 3 कर्नाटक में 2 और तेलंगाना में 1 सीट पर जीत हासिल की। यानी बीजेपी को 58 में से 39 सीटों पर जीत हासिल हुई। मध्यप्रदेश के लिए उपचुनाव के नतीजे काफी अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि इस जीत से अब राज्य में भाजपा की सरकार को कोई खतरा नहीं है। बता दें मणिपुर के अलावा सभी 58 सीटों के लिए मतदान 3 नवंबर को हुआ था। 

1- मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव
मध्य प्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों के नतीजे आ चुके हैं। इनमें 19 पर भाजपा और 9 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में इनमें से 27 सीट पर कांग्रेस का कब्जा था। 2 पूर्व मंत्रियों समेत शिवराज सरकार के 14 मंत्री चुनाव मैदान में उतरे थे। इनमें से भाजपा के 11 मंत्री जीत चुके हैं। वहीं, डबरा, दिमनी और सुमावली सीट में बड़ा उलटफेर हो गया। डबरा से मंत्री इमरती देवी, सुमावली से एंदल सिंह कंषाना और दिमनी से गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार गए हैं।

बीजेपी की सबसे कम और ज्यादा अंतर की जीत : 
भांडेर सीट से भाजपा की रक्षा संतराम सिरोनिया ने महज 161 वोटों से कांग्रेस के फूलसिंह बरैया को हराया है। ये बीजेपी की सबसे कम अंतर की जीत है। वहीं, सांची में भाजपा प्रत्याशी और मंत्री प्रभुराम चौधरी ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। प्रभुराम को 1 लाख 15 हजार 511 वोट मिले। उन्होंने 63 हजार 809 वोटों के अंतर से कांग्रेस के मदन लाल चौधरी को हराया है।

बता दें कि मध्य प्रदेश में 10 मार्च को सियासी संकट की शुरुआत हुई। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया और भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई। इसके बाद जुलाई में बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कसडेकर भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गईं। फिर मांधाता विधायक ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। इसके अलावा 3 विधायकों का निधन हो गया। यानी कुल 28 विधानसभा सीटें खाली हो गई थीं। 


2- गुजरात में 8 सीटों पर उपचुनाव

गुजरात में 8 सीटों पर हुए उप चुनाव में सत्ताधारी भाजपा ने सभी सीटें जीत ली हैं। अब्दसा सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रद्युम्न सिंह जडेजा 36778 वोटों से जीते हैं। उन्होंने कांग्रेस के शांतिलाल शेंघानी को हराया। वहीं मोरबी से ब्रजेश मेरजा ने कांग्रेस के जयंतीलाल पटेल को 4649 वोटों से हराया। इसके अलावा कर्जन सीट से बीजेपी के अक्षय कुमार पटेल ने कांग्रेस के कीर्ति सिंह जडेजा को 16425 वोटों से हरा दिया है। लिंबड़ी से भाजपा प्रत्याशी कीर्तिसिंह जीतूभाई राणा, धारी से ककड़िया जेवी, गडहड़ा से आत्माराम परमार, डांग से विजयभाई पटेल और कपराडा से जीतूभाई चौधरी ने जीत दर्ज की है। बता दें कि जून में राज्यसभा चुनाव से पहले मौजूदा विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद से ये सीटें खाली हो गई थीं। इन सीटों पर उपचुनाव से राज्य में भाजपा की स्थिति और मजबूत होती दिख रही है। 

3- उत्तर प्रदेश में 7 सीटों पर उपचुनाव

यूपी की सात विधानसभा सीटों में से 6 में बीजेपी जबकि 1 पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली है। यूपी में नौगांवा सादात से बीजेपी की संगीता चौहान, बुलंदशहर से ऊषा सिरोह, टूंडला से प्रेमपाल सिंह धनगर, बांगरमऊ से श्रीकांत कटियार, घाटमपुर से उपेन्द्रनाथ पासवान, देवरिया से सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी ने जीत दर्ज की है। वहीं मल्हनी सीट से सपा उम्मीदवार लकी यादव को जीत मिली है। इन सीटों में से नौगांवा सादात, बुलंदशहर, घाटमपुर, देवरिया और मल्हनी में विधायकों की साल 2017 में मृत्यु से सीट खाली हो गई। वहीं भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद होने पर उनकी सदस्यता खत्म होने पर बांगरमऊ सीट खाली हुई। टूंडला की सीट से विधायक एसपी सिंह बघेल सांसद बन गए, इसलिए यह सीट खाली हो गई। इन सीटों पर 88 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे।

4- नगालैंड में 2 सीटों पर उपचुनाव
दक्षिणी अंगामी- I और पुंग्रो-किफायर विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव हुआ। यहां दक्षिणी अंगामी- I में नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की, जबकि पुंग्रो-किफायर में निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है। 43,242 मतदाताओं में से लगभग 67.92 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था। दोनों सीट विखो-ओ युशू और टी तोरेचु के निधन के बाद खाली हुई थीं।


5- ओडिशा में 2 सीटों पर उपचुनाव
ओडिशा में विधानसभा की दो सीटों बालासोर और तीर्तोल सीट पर उपचुनाव हुआ था। यहां की तीर्तोल सीट से बीजू जनता दल के उम्मीदवार बिजय शंकर दास जीत गए हैं। वहीं बालासोर सीट से भी बीजू जनता दल के ही स्वरूप कुमार दास जीत गए हैं। बालासोर सीट भाजपा विधायक मदन मोहन दत्ता और तीर्तोल सीट बीजू जनता दल के विधायक विष्णु चरण दास की मृत्यु के बाद खाली हुईं। बालासोर से भाजपा ने मदन मोहन दत्ता के बेटे मानस कुमार दत्ता को टिकट दिया, जबकि बीजद ने स्वरूप दास को तथा कांग्रेस ने ममता कुंडू को टिकट मिला। 

6- झारखंड में 2 सीटों पर उपचुनाव
झारखंड में 2 सीटों पर हुए उपचुनावों में 1 सीट पर कांग्रेस और 1 सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीत दर्ज की है। दुमका से झारखंड मुक्ति मोर्चा के बसंत सोरेन जीते हैं, जबकि बेरमो सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार कुमार जयमंगल ने जीत दर्ज की है। दोनों सीट पिछली बार भाजपा हार गई थी। दुमका में झामुमो उम्मीदवार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन और भाजपा प्रत्याशी लोईस मरांडी के बीच टक्कर थी, जबकि बेरमो में कांग्रेस के कुमार जयमंगल और भाजपा के योगेश्वर महतो में सीधा मुकाबला था।

7- कर्नाटक में 2 सीटों पर उपचुनाव
कर्नाटक की दोनों विधानसभा सीटों सिरा और आर.आर. नगर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने जीत दर्ज की है। आर आर नगर से मुनिरत्ना और और तुमकुरु जिले के सिरा सीट से बीजेपी उम्मीदवार सीएम राजेश गौड़ा ने जीत दर्ज की। जनता दल-एस के विधायक बी सत्यनारायण की मृत्यु के बाद सिरा सीट खाली हो गई थी। वहीं आरआर नगर सीट कांग्रेस विरोधी विधायक मुनिरत्न के अयोग्य ठहराए जाने के बाद खाली हो गई थी।

8- छत्तीसगढ़ में 1 सीट पर उपचुनाव 
छत्तीसगढ़ में मरवाही विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी केके धुर्वे जीत गए हैं। उन्होंने बीजेपी के गंभीर सिंह को 38197 वोटों से हराया। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर सत्ताधारी दल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी समेत आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मृत्यु के बाद से यह सीट खाली हुई।

9- हरियाणा में 1 सीट पर उपचुनाव 
हरियाणा की बरोदा सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। यहां से कांग्रेस के इंदुराज नरवाल ने बीजेपी के योगेश्वर दत्त को शिकस्त दी है। यहां मुख्य मुकाबला सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच था। कांग्रेस ने सोनीपत जिला परिषद के पूर्व सदस्य इंदुराज नरवाल को भाजपा उम्मीदवार और ओलंपियन रेसलर योगेश्वर दत्त के खिलाफ खड़ा किया था।

10- तेलंगाना में 1 सीट पर उपचुनाव 
तेलंगाना की दुब्बाक विधानसभा सीट से बीजेपी जीत गई है। यहां से माधवनेनी रघुनंदन राव ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) की उम्मीदवार सुजाता सोलीपेटा को हरा दिया है। भाजपा उम्मीदवार रघुनंदन राव ने कडे़ मुकाबले में सोलीपेटा सुजाता को 1,470 वोट से मात दी। इस सीट पर 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे लेकिन मुख्य मुकाबला टीआरएस, भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के बीच ही था। टीआरएस के मौजूदा विधायक सोलीपेटा रामलिंगा रेड्डी का इस साल अगस्त में बीमारी के बाद निधन हो गया था, जिसके बाद से यह सीट खाली थी। टीआरएस ने उनकी पत्नी सोलीपेटा सुजाता को उम्मीदवार बनाया था। 

11- मणिपुर में 4 सीट पर उपचुनाव
मणिपुर विधानसभा उपचुनाव की 4 सीटों में से 3 पर बीजेपी और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है। वांगोई सीट से बीजेपी के ओइनम लुखोई सिंह जीत गए हैं। वहीं वांगजिंग तेठा सीट से बीजेपी उम्मीदवार पाओनम ब्रोजेन सिंह जीते हैं। लिलोंग सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी अंतस खान को जीत मिली है। वहीं सैतू सीट से भी बीजेपी उम्मीदवार गमथांग हाओकिप चुनाव जीत गए हैं। यहां उपचुनाव के लिए 7 नवंबर को वोटिंग हुई थी। थोउबल जिले की लिलोंग और वांगजिंग तेंठा और कांगपोकपी की सैतू और पश्चिमी इम्फाल की वांगोई सीट कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे की वजह से खाली हुई थी। ये सभी विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं। यहां सत्ताधारी भाजपा तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है और चौथी सीट पर वह एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन कर रही है। जबकि कांग्रेस ने चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।



बिहार की लोकसभा सीट पर भी आ रहे नतीजे
बिहार के वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर 7 नवंबर को मतदान हुआ था। यह सीट जेडीयू सांसद वैद्यनाथ महतो के निधन के बाद खाली हुई थी। जेडीयू ने इस बार वैद्यनाथ महतो के पुत्र सुनील कुमार को टिकट दिया है। सुनील कुमार का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार प्रवेश कुमार मिश्रा से है।

 

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