CAA विरोधः हिंसा में हुए नुकसान की शुरू हुई भरपाई, 80 दुकान सीज, टीएमसी नेताओं को आने से रोका गया

मुजफ्फरनगर पुलिस ने हिंसा करने वालों को चिन्हित कर लिया है और नुकसान की भरपाई करने के लिए 80 दुकानों को सीज कर दिया है। इसके साथ ही पुलिस ने सुरक्षा कारणों से 5 हजार लोगों पर नजर बनाए हुए है। वहीं, TMC  के नेता पहुंचना चाह रहे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हे रोक दिया है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 22, 2019 10:51 AM IST

लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसात्मक प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश में सरकार के निर्देश के बाद पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। जिसमें पुलिस प्रदर्शनकारियों की धर पकड़ कर रही है। इसके साथ ही हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई करने की दिशा में कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरनगर पुलिस ने हिंसा करने वालों को चिन्हित कर लिया है और नुकसान की भरपाई करने के लिए 80 दुकानों को सीज कर दिया है। एसएसपी का कहना है कि दुकान मालिकों को नोटिस भेजा जा चुका है और नुकसान की भरपाई के लिए कहा गया है। 

हुआ था पथराव 

मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में कच्ची सड़क के पास केवलपुरी में शनिवार को दो पक्षों के बीच पथराव हो गया था। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से पथराव किया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठियां फटकारकर भीड़ को वहां से खदेड़ दिया. तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा, "हिंसा करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा. हिंसा में बाहरी लोगों का हाथ है। उन्होंने आशंका जताई कि हिंसा में एनजीओ और राजनीतिक लोग भी शामिल हो सकते हैं। हम किसी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं करेंगे।"

879 लोग गिरफ्तार

हिंसक विरोध प्रदर्शन पर पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि अब तक 879 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं पूरे प्रदेश में पुलिस की तैनाती की गई है। इसके साथ ही पीएसई और रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया गया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान उपजी हिंसा के बारे में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि 282 पुलिस अधिकारी झड़प में जख्मी हुए हैं। अब तक 18 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम करने में पुलिस की मदद करें। 

5 हजार लोगों को रोका गया 

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेता लखनऊ का दौरा करना चाहते हैं। हम उन्हें इसके लिए अनुमति नहीं देंगे क्योंकि इलाके में धारा 144 लागू है और यहां माहौल और अधिक तनावपूर्ण बन सकता है। डीजीपी ने कहा कि कई लोगों को रोका गया है जो हिंसा फैला सकते हैं। ऐसे लोगों की संख्या तकरीबन 5 हजार है। प्रदेश में असामाजिक तत्वों के खिलाफ 135 मामले दर्ज किए गए हैं। 

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