Gangasagar mela 2022 : एंट्री के लिए वैक्सीन की दोनों डोज का सर्टिफिकेट अनिवार्य, निगेटिव RT-PCR भी मान्य

 

Hc On Gangasagar mela :  कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि गंगासागर मेले में केवल वही लोग जा सकेंगे जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। मेले में प्रवेश के लिए उन्हें इसका सर्टिफिकेट दिखाना होगा। इसके अलावा निगेटिव आरटीपीसीआर वालों को भी मेले में जाने की अनुमति दी जाएगी। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 11, 2022 6:39 AM IST / Updated: Jan 11 2022, 12:34 PM IST

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कोरोना (Corona Case in West Bengal) के बढ़ते मामलों के बीच गंगासागर (Gangasagar Mela) में मकर संक्रांति पर लगने वाले मेले को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज आदेश जारी किए। इसके मुताबिक मेले में वही लोग जा सकेंगे, जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। निगेटिव RT-PCR रिपोर्ट वाले लोगों को भी मेले में जाने की अनुमति होगी। मेले में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए कोर्ट ने दो लोगों की कमेटी बनाने के आदेश दिए हैं। 

12 जनवरी से 16 तक चलेगा मेला
यह मेला 12 जनवरी से 16 जनवरी तक लगेगा। इस मेले में शामिल होने के लिए साधु-संतों और श्रद्धालुओं का जत्था कोलकाता पहुंचने लगा है। इनके रहने के लिए कोलकाता के आउट्राम घाट में अस्थायी शिविर लगाया गया है। रविवार को गंगासागर मेला के तीर्थयात्रियों के बाबूघाट शिविर और सियालदह स्टेशन पर कलकत्ता नगर पालिका द्वारा किए गए RT-PCR जांचों में कुल 31 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद से चिंता बढ़ गई थी। पहले कहा जा रहा था कि बढ़ते मामलों को देखते हुए यह मेला रद्द हो सकता है, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने शुक्रवार को इस मेले को आयोजित करने की अनुमति दे दी थी। कोर्ट ने शर्तें रखी हैं कि मेले के दौरान कोरोना नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। 

मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालु जुटते हैं 
मकर संक्रांति पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत और पर्यटक गंगा नदी और सागर के संगम में डुबकी लगाते हैं। यहां आने वाले कपिल मुनि मंदिर में प्रार्थना करते है। इसी को लेकर कोर्ट ने चिंता जताई थी कि इतने सारे लोगों के डुबकी लगाने से कोरोना का वायरस मुंह और नाक के जरिए नदी के पानी में फैलेगा और इससे अन्य लोगों के संक्रमित होने की आशंका है। हालांकि राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि खारे पानी से संक्रमण नहीं फैलता है। ममता का कहना था कि जब कुंभ पर सवाल  नहीं उठ रहे हैं तो फिर गंगासागर मेले पर रोक क्यों लगाई जाए। 

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