फिर से सुर्खियों में ये मर्डर मिस्ट्री: जब 8 सितंबर, 2017 को 7 साल के बच्चे की लाश स्कूल के टॉयलेट में मिली थी

8 सितंबर 2017 को गुरुग्राम के भोंडसी स्थित एक नामी प्राइवेट स्कूल में 7 साल के बच्चे की गला रेतकर हत्या का मामला फिर से सुर्खियों में हैं। इस मामले में एक युवक आरोपी है। जानिए सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद क्यों सुर्खियों में आया है यह मामला... 

Amitabh Budholiya | Published : Jul 13, 2022 9:20 AM IST / Updated: Jul 13 2022, 02:51 PM IST

गुरुग्राम. 8 सितंबर 2017 को गुरुग्राम के भोंडसी स्थित एक नामी प्राइवेट स्कूल में 7 साल के बच्चे की गला रेतकर हत्या करने का मामला फिर से सुर्खियों में है। इस मामले में पुलिस ने पहले एक बस कंडक्टर को फंसा दिया था। CBI ने जब मामला जांच में लिया, तब असली आरोपी 16 साल(तब) का युवक अरेस्ट किया गया था। इस युवक पर नाबालिग की तरह केस चलेगा या एडल्ट की तरह केस चला जाएगा, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नए सिरे से जांच करने को कहा है। पढ़िए क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने...

नए सिरे से जांच होनी चाहिए...
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार(13 जुलाई) को कहा कि 2017 में हरियाणा के गुरुग्राम जिले के एक निजी स्कूल में 7 साल के बच्चे की हत्या के आरोपी किशोर(juvenile accused) की नए सिरे से जांच की जानी चाहिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उस पर एडल्ट की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए या नहीं। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने मृतक बच्चे के पिता द्वारा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के 11 अक्टूबर, 2018 के आदेश को चुनौती देने वाली अपील को खारिज कर दिया।

केंद्र और NCPCR से गाइडलाइन जारी करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट केंद्र और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग(National Commission for Protection of Child Rights) से ऐसे मामलों के संबंध में गाइडलाइन जारी करने को भी कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने लोअर कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि बच्चे की हत्या के आरोपी 16 वर्षीय छात्र को मुकदमे के दौरान वयस्क माना जाएगा। पीड़ित परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा था कि जेजे बोर्ड इस पर नए सिरे से विचार करे। CBI ने चार्जशीट में आरोप लगाया था कि किशोर ने एग्जाम कैंसल कराने के लिए छात्र की हत्या की थी।

यह है पूरा मामला, जिनसे सबको हिलाकर रख दिया था
गुड़गांव के भोंडसी के एक इंटरनेशनल प्राइवेट स्कूल में 8 सितंबर 2017 को 7 साल के बच्चे की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई थी। हत्या के मामले में CBI ने तत्कालीन सोहना ACP ब्रह्मसिंह समेत कुल चार पुलिस अधिकारियों, ​​​​​​भोंडसी थाने के तत्कालीन प्रभारी नरेंद्र खटाना, सब-इंस्पेक्टर शमशेर सिंह एवं EASI सुभाष चंद के खिलाफ पंचकूला की विशेष कोर्ट में चालान पेश किया था। इन सभी को सबूतों के साथ छेड़छाड़ का दोषी पाया गया था।

पुलिस ने मामले को जल्द निपटाने के चक्कर में एक निर्दोष बस कंडक्टर अशोक को अरेस्ट किया था। पुलिस ने बस कंडक्टर पर  सेक्सुअल हरासमेंट कर बच्चे की हत्या का आरोप लगाया था। उसे 8 सितंबर 2017 को गिरफ्तार किया गया था। हांलाकि 28 फरवरी 2018 को विशेष अदालत ने सुनवाई के दौरान उसे बरी कर दिया था। 

सीबीआई ने इस मामले को 22 सितंबर 2017 को गुरुग्राम पुलिस से अपने हाथ में ले लिया था। इसके बाद मामले में CBI ने चार्जशीट दायर कर पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी पर आरोप लगाए हैं कि अशोक कुमार को झूठा फंसाया गया था। बाद में इस हत्याकांड में 16 साल के युवक को अरेस्ट किया गया था। CBI की जांच में सामने आया था आरोपी भोलू ने एग्जाम क डेट आगे बढ़ाने की साजिश के तहत यह हत्या की थी।

यह भी पढ़ें
ईद के तीसरे दिन ड्यूटी पर कुर्बान हुए जाबांज ASI मुश्ताक अहमद, जब घर पहुंची बॉडी, तो फैमिली का कलेजा फट पड़ा
सिख लड़की को कृपाण-कड़ा पहनने के कारण एग्जाम में नहीं दी एंट्री, आधी आस्तीन भी काट रहे थे, कोर्ट ने कही ये बात

 

Share this article
click me!