हाथरस केस: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, पीड़ित परिवार बोला- दिल्ली में ही हो ट्रायल

हाथरस केस मामले की सुप्रीम कोर्ट में गुरूवार को चली सुनवाई पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान पीड़िता के परिवार ने कोर्ट से मांग की है कि मामले से जुड़े ट्रायल दिल्ली में ही किए जाएं। इसके साथ ही सीबीआई गुरुवार को चारों आरोपियों से पूछताछ कर सकती है। इस घटना के चारों आरोपी अलीगढ जेल में बंद हैं। बता दें कि सीबीआई ने हाथरस में ही अस्थायी ऑफिस बनाया है। 

नई दिल्ली. हाथरस केस मामले की सुप्रीम कोर्ट में गुरूवार को चली सुनवाई पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान पीड़िता के परिवार ने कोर्ट से मांग की है कि मामले से जुड़े ट्रायल दिल्ली में ही किए जाएं। इसके साथ ही सीबीआई गुरुवार को चारों आरोपियों से पूछताछ कर सकती है। इस घटना के चारों आरोपी अलीगढ जेल में बंद हैं। बता दें कि सीबीआई ने हाथरस में ही अस्थायी ऑफिस बनाया है। बुधवार को वहीं पर पीड़िता के दो भाईयों और पिता को बुलाकर पूछताछ की गई है। सीबीआई की 15 लोगों की टीम पीड़िता के गांव भी गई था, जहां क्राइम सीन का जायजा लिया।

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हाथरस केस में पीड़िता के परिवार और गवाहों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, उसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने हलफनामा दाखिल कर बताया था कि वह पीड़िता के परिवार और गवाहों की सुरक्षा कैसे कर रहे हैं।

 

यूपी सरकार ने बताया था कि पीड़िता के परिवार और गवाहों की सुरक्षा के लिए थ्री लेयर की सुरक्षा दी गई है। मृतक के परिवार की सुरक्षा के लिए गांव में सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं, जिससे परिवार से मिलने वालों पर भी नजर रखी जा सके। प्रदेश सरकार ने बताया कि गांव में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें कई महिला पुलिसकर्मी भी हैं।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम आरोपियों के परिवार के सदस्यों से पूछताछ करने के लिए बुलगढ़ी गांव पहुंची। 

 

हाथरस केस में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होनी है। दरअसल, केस को लेकर एक याचिका लगाई गई थी, जिसमें पीड़ित परिवार और केस से जुड़े गवाहों की सुरक्षा पर चिंता जाहिर की गई थी।

जिला हॉस्पिटल से सीसीटीवी फुटेज गायब

हाथरस केस में पुलिस और हॉस्पिटल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल, जिस हॉस्पिटल में पीड़िता का पहली बार इलाज शुरू हुआ, वहां का 14 सितंबर का सीसीटीवी फुटेज ही गायब है। वहां कोई बैकअप भी नहीं है। इस बात का खुलासा तब हुआ तब सीबीआई की टीम सबूत जुटाने के लिए हॉस्पिटल पहुंची। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब पूछा गया कि पुलिस ने इससे पहले सीसीटीवी फुटेज के बारे में पूछताछ क्यों नहीं की, तब एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अपराध से संबंधित मामलों में हॉस्पिटल का मतलब नहीं होता है। जब तक अस्पताल में कोई अपराध नहीं हुआ हो या लापरवाही नहीं हुई, इससे आपराधिक जांच पर कोई असर नहीं पड़ा। इनके बीच संबंध नहीं है। 

29 दिन बाद यूपी पुलिस ने क्राइम सीन की घेराबंदी की

हाथरस केस में सीबीआई की टीम मंगलवार को पीड़िता के गांव पहुंची थी। सीबीआई के गांव पहुंचने से पहले यूपी पुलिस की क्राइम सीन की घेराबंदी की। बता दें कि 29 दिन तक पुलिस ने यह जरूरी नहीं समझा कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ हो सकती है। उसकी घेराबंदी कर दें। 29 दिन बाद जब सीबीआई की टीम मौके पर पहुंची तो उससे पहले पुलिस ने घेराबंदी का काम किया।

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