LAC पर पिछले दो दौर की वार्ता विफल, चीन के दोहरे चरित्र पर संदेह; एलर्ट है भारतीय सेना

एलएसी पर पिछले दो दौर की वार्ताओं में कोई ऐसी प्रगति नहीं हुई है जिसका असर जमीन पर दिखे। ऊपर से चीन के दोहरे रुख से भी संदेह पैदा हो रहा है। इसलिए सेना ने सर्दियों के मद्देनजर अपने तैयारियों को चुस्त-दुरुस्त करने की प्रक्रिया को जारी रखने का फैसला किया है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 15, 2020 1:05 AM IST

लद्दाख. एलएसी पर पिछले दो दौर की वार्ताओं में कोई ऐसी प्रगति नहीं हुई है जिसका असर जमीन पर दिखे। ऊपर से चीन के दोहरे रुख से भी संदेह पैदा हो रहा है। इसलिए सेना ने सर्दियों के मद्देनजर अपने तैयारियों को चुस्त-दुरुस्त करने की प्रक्रिया को जारी रखने का फैसला किया है। हालांकि बातचीत की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। सेना के सूत्रों के अनुसार, एलएसी विवाद को लेकर चीन का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है। पिछली दो वार्ताओं में लगातार इस बात पर सहमति बनी है कि विवाद को नहीं बढ़ाया जाएगा और एलएसी के गतिरोध का समाधान निकाला जाएगा। लेकिन दूसरी तरफ भारतीय क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों के खिलाफ चीनी सरकार के प्रवक्ता बयानबाजी कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि एलएसी गतिरोध पर सैन्य कमांडरों की बैठक में चीन लगातार विवाद को हल करने की बजाय लटकाए रखने की कोशिश कर रहा है, जबकि भारत की तरफ से बार-बार इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि मई से पूर्व की स्थिति बहाल कर अन्य मुद्दों का समाधान खोजा जाए। लेकिन इसके बदले में चीन की तरफ से भारत पर कई तरह की शर्तें रखी जा रही हैं तथा दूसरे मुद्दों को भी खड़ा करने की कोशिश कर रहा है।

भारतीय सेना हर स्थिति से निबटने को तैयार 
सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में बातचीत के और दौर शुरू होंगे। चीन का जो रुख है, उसके चलते जल्दी समाधान की उम्मीद नहीं है। इसलिए सेना अपनी तैयारियों को जारी रखेगी। हालांकि विवाद वाले क्षेत्रों में अभी और तैनाती नहीं की जाएगी, लेकिन इस पर भारत तभी तक कायम रहेगा जब चीन भी कायम रहे। यदि उसकी तरफ से सैनिकों की संख्या बढ़ाई जाती है तो भी भारत को भी मजबूरन कदम उठाने पड़ेंगे। सूत्रों ने कहा कि सेना मार्च तक की तैयारियों को अंतिम दे चुकी है। काफी तैयारियां पहले हो चुकी हैं तथा जो अभी चल रही हैं, वह जारी रखी जाएंगी।
 

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