भविष्य के युद्ध पुराने अनुभवों के आधार पर नहीं लड़े जा सकते: CDS बिपिन रावत

सीडीएस विपिन रावत ने कहा कि अगर निकट भविष्य में कोई जंग होती है तो उसे पुराने युद्धों के आधार पर लड़कर नहीं जीता जा सकता है। ‘रीजनल-पावर’ बनने के लिए हमें दूसरों की ताकत के आधार पर नहीं बल्कि इंडियन सॉल्यूशन्स और स्वदेशीकरण पर काम करना होगा।

नई दिल्ली। सीडीएस विपिन रावत ने कहा कि अगर निकट भविष्य में कोई जंग होती है तो उसे पुराने युद्धों के आधार पर लड़कर नहीं जीता जा सकता है। ‘रीजनल-पावर’ बनने के लिए हमें दूसरों की ताकत के आधार पर नहीं बल्कि इंडियन सॉल्यूशन्स और स्वदेशीकरण पर काम करना होगा।
सीडीएस जनरल विपिन रावत बुधवार को विवेकानंद फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। ‘Shapingbthe armed forces to meet likely current and future challenges' विषयक वेबिनार को संबोधित करते हुए सीडीएस ने कहा कि भारत को एक उभरती हुई ताकत के साथ साथ एक जिम्मेदार-ताकत बनने के लिए अपनी क्षमताओं को तो बढ़ाना होगा ही संस्थागत सुधार और बदलाव लाने की बेहद जरूरत है।
सीडीएस ने साफ तौर से कहा कि भारत का स्ट्रेटेजिक-स्पेस फारस की खाड़ी से लेकर मलक्का-स्ट्रेट और मध्य एशियाई देशों से लेकर दक्षिण में भूमध्य रेखा के करीब तक है।

साइबर अटैक से बचने के लिए पश्चिमी देशों से मदद

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सीडीएस ने कहा कि साइबर अटैक से निपटने के लिए साईबर डिफेंस एजेंसी को खड़ा करने के साथ साथ पश्चिमी-देशों की मदद ली जा रही है। साइबर-अटैक का जवाब देने के लिए ही भारत अब सशस्त्र-सेनाओं की साझा साइबर डिफेंस एजेंसी का गठन कर रहा है। 
उन्होंने कहा कि सेना के तीनों अंगों में नौसेना टेक्नोलाॅजी के मामले में थलसेना और वायुसेना से आगे है।

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