लॉकडाउन का डर : दिल्ली और मुंबई से मजदूरों का पलायन शुरू, बोले- अच्छा होगा अब शहर छोड़ दें.....

Published : Apr 08, 2021, 03:09 PM IST
लॉकडाउन का डर : दिल्ली और मुंबई से मजदूरों का पलायन शुरू, बोले- अच्छा होगा अब शहर छोड़ दें.....

सार

भारत में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। कई राज्यों ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू का ऐलान भी कर दिया है। ऐसे में प्रवासी मजदूरों को अपने भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ने लगी हैं। 

नई दिल्ली. भारत में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। कई राज्यों ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू का ऐलान भी कर दिया है। ऐसे में प्रवासी मजदूरों को अपने भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ने लगी हैं। 

दिल्ली में कई प्रवासी मजदूर आनंद बिहार टर्मिनल बस अड्डे से अपने घर के लिए निकलते नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि वे लॉकडाउन के डर से अपने घर जा रहे हैं। इस बार वे इस स्थिति से पहले ही निपटना चाहते हैं, ताकि उन्हें दूसरे शहरों में बिना खाना और बिना पैसे के ना फंसना पड़े। 

मुंबई से भी हो रहा पलायन
दिल्ली के अलावा मुंबई में भी मजदूरों का पलायन देखने  को मिल रहा है। उन्हें कोरोना वायरस से ज्यादा इस बात का डर है कि कहीं वे लॉकडाउन के चलते फंस ना जाएं और वे अपनी रोजी रोटी की कमाई से भी बंचित ना हो जाएं। 

इन राज्यों ने लगाए प्रतिबंध
महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, दिल्ली, पंजाब, छत्तीसगढ़ और उप्र में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसे कदम उठाए गए हैं। इसके चलते शहरों में रह रहे प्रवासी मजदूरों का डर और बढ़ गया हैं, कहीं वे पिछले साल की तरह लॉकडाउन में ना फंस जाएं। 

 


पिछले साल केंद्र सरकार ने देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन का ऐलान किया था। इसके चलते मजदूरों को बिना नौकरी और पैसों के रहना पड़ा था। इसके बाद तमाम मजदूर पैदल ही अपने घर की ओर निकल पड़े थे। 

'यहां फंसने से अच्छा है कि निकल जाएं'
दिल्ली से बिहार में अपने घर जाते एक मजदूर ने कहा कि अब यहां फंसने से अच्छा है कि यहां से चले जाएं। दरअसल, दिल्ली में 30 अप्रैल तक रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक का नाइटकर्फ्यू लगाया गया है। 

PREV

Recommended Stories

इंडिगो फ्लाइट कैंसिलेशन में एक पिता की हिम्मत: रात भर गाड़ी चलाकर बेटे को पहुंचाया 800 km दूर स्कूल
SIR विवाद के बीच PM मोदी की पश्चिम बंगाल में रैली 20 दिसंबर काे-क्या है इसके सियासी मायने?