केंद्र सरकार तीनों सेनाओं के अफसरों से जुड़े 2 अहम प्रस्तावों पर विचार कर रही है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पहले प्रस्ताव के मुताबिक, समय से पहले रिटायरमेंट लेने वाले अधिकारियों की पेंशन कम कर दी जाए। इसके अलावा दूसरे प्रस्ताव में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार किया जा रहा।
नई दिल्ली. केंद्र सरकार तीनों सेनाओं के अफसरों से जुड़े 2 अहम प्रस्तावों पर विचार कर रही है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पहले प्रस्ताव के मुताबिक, समय से पहले रिटायरमेंट लेने वाले अधिकारियों की पेंशन कम कर दी जाए। इसके अलावा दूसरे प्रस्ताव में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार किया जा रहा।
थलसेना, नौसेना और वायुसेना के एचआर से जुड़े मामले को देखने और को-ऑर्डिनेशन के लिए बनाए गए डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स ने 29 अक्टूबर को एक लेटर जारी किया था। इसमें इसमें कहा गया कि पेंशन और रिटायरमेंट से जुड़े नियमों में बदलाव के प्रस्ताव का ड्राफ्ट 10 नवंबर तक तैयार कर DMA के सेक्रेटरी जनरल बिपिन रावत को रिव्यू के लिए भेज दिया जाए।
क्या हैं प्रस्ताव?
पहला प्रस्ताव: पेंशन- सर्विस के सालों के हिसाब से पेंशन तय की जाए। सिर्फ 20-25 साल सर्विस करने वाले अफसर को आधी पेंशन मिले। 26-30 साल सर्विस करने वालों को 60%, 30-35 साल वालों को 75% पेंशन पर विचार किया जा रहा है। वहीं, 35 साल से ज्यादा सर्विस में रहने वाले अफसरों को ही पूरी पेंशन देने पर विचार हो रहा है। अभी फॉर्मूला यह है कि रिटायरमेंट के वक्त जितनी सैलरी होती है, उसकी 50% पेंशन मिलती है।
दूसरा प्रस्ताव: रिटायरमेंट की उम्र- आर्मी में कर्नल, ब्रिगेडियर और मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 57 साल, 58 साल और 59 साल कर दी जाए। अभी कर्नल, ब्रिगेडियर और मेजर जनरल रैंक के अफसरों के रिटायरमेंट की उम्र 54 साल, 56 साल और 58 साल है। नेवी और एयरफोर्स में भी यही फॉर्मूला लागू हो।
पेंशन के फॉर्मूले का विरोध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना के अफसर पेंशन का फॉर्मूला बदलने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। अफसरों का कहना है कि जो अभी रिटायर होने वाले हैं, उन्हें फाइनेंशियल नुकसान हो सकता है। बताया जा रहा है कि इस नियम के विरोध में अफसर कोर्ट में भी जा सकते हैं।