यह सहायता राशि 1 नवंबर 2021 से लागू हो सकती। हालांकि, ड्यूटी करते हुए शहीद होने वाले जवानों के परिवार को ही यह बढ़ी हुई आर्थिक सहायता दी जाएगी।
नई दिल्ली। सीमाओं पर और देश के भीतर रक्षा करने वाले केंद्रीय सशस्त्र बलों (Central Armed forces) के जवानों के परिवारों को मिलने वाली आर्थिक सहायता को बढ़ाने का विचार किया जा रहा है। जल्द ही इसके बढ़ोतरी पर निर्णय लिया जा सकता है। गृह मंत्रालय (Home Ministry) शहीद के परिजन को मिलने वाली आर्थिक सहायता को 35 लाख रुपये किए जाने का ऐलान इसी माह कर सकता है।
रिस्क फंड को बढ़ाने का आदेश इसी माह
सभी केंद्रीय सशस्त्र बलों को जल्द ही इस संबंध में निर्देश भी जारी किया जा सकता है। अब सीआरपीएफ हो या सीआईएसफ, सभी बलों के ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले जवानों के परिवार को रिस्क फंड (risk fund) के तौर पर 35 लाख रुपये ही दिए जाने पर बात हो रही है।
ड्यूटी के दौरान शहीद को मिलेगी सहायता
यह सहायता राशि 1 नवंबर 2021 से लागू हो सकती। हालांकि, ड्यूटी करते हुए शहीद होने वाले जवानों के परिवार को ही यह बढ़ी हुई आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा किसी भी वजह से जान गंवाने की स्थिति में जवान के परिवार को मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि में कोई बदलाव नहीं जाएगा।
एक समान मिलेगा सबको लाभ
शहीदों के परिवारों की तरफ से आर्थिक मदद में भेदभाव का मामला उठाने के बाद अब यह राशि एक समान करने का फैसला किया जाने वाला है। एक सीआईएसएफ अधिकारी के मुताबिक, इससे पहले सभी बल अपनी आर्थिक योजना के अनुरूप शहीदों के परिवार को वित्तीय मदद देते थे, लेकिन अब सभी बलों के लिए यह राशि एक समान कर दी जाएगी।
एक अन्य अधिकारी के मुताबिक, अभी तक सबसे ज्यादा राशि सीआरपीएफ की तरफ से दी जा रही थी लेकिन अब यह सीएपीएफ के तहत आने वाले सभी बलों के लिए 35 लाख रुपये तय करने की बात चल रही है।
अलग-अलग सहायता राशि थी सभी फोर्सेस में
इससे पहले सीआरपीएफ में यह रिस्क फंड साढ़ 21 लाख रुपये से लेकर 25 लाख रुपये के बीच था, जो डायरेक्टोरेट जनरल की तरफ से तय किया जाता था। इसी तरह अधिकतर एयरपोर्टों पर तैनात सीआईएसएफ के शहीद जवानों के परिवार लिए रिस्क फंड 15 लाख रुपये था। भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करने वाली आईटीबी का कोई जवान यदि ड्यूटी पर शहीद होता था तो यह राशि 25 लाख रुपये थी।
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