Manish Tewari की किताब से असहज हुई Congress: अधीर रंजन चौधरी ने दी नसीहत, पूछा-अब होश में आए हैं

कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता मनीष तिवारी - उन 23 नेताओं में से एक, जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इस पत्र में नेतृत्व में उतार-चढ़ाव और व्यापक संगठनात्मक परिवर्तन की मांग की गई थी।

Asianet News Hindi | Published : Nov 23, 2021 4:52 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस के सीनियर लीडर अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने पूर्व मंत्री मनीष तिवारी (Manish Tewari) की पुस्तक "10 फ्लैश पॉइंट्स; 20 इयर्स - नेशनल सिक्योरिटी सिचुएशंस दैट इम्पैक्ट इंडिया" (10 Flash Points 20 Years - National Security Situation that impacted India) को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पुस्तक के अंशों से प्रतीत होता है कि तत्कालीन मंत्री मनीष तिवारी, मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले के लिए यूपीए सरकार (UPA Government) द्वारा कड़ी प्रतिक्रिया के पक्ष में थे। 
बता दें कि तिवारी उस समय कांग्रेस के आधिकारिक प्रवक्ता थे और बाद में सूचना और प्रसारण मंत्री भी बने थे।

दरअसल, मनीष तिवारी की आने वाली किताब के एक अंश में मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले पर यह कहा गया है कि "एक ऐसे राज्य के लिए जहां सैकड़ों निर्दोष लोगों को बेरहमी से कत्ल करने में कोई बाध्यता नहीं है, संयम ताकत का संकेत नहीं है; इसे कमजोरी का प्रतीक माना जाता है। एक समय आता है जब कार्यों को शब्दों से अधिक जोर से बोलना चाहिए। 26/11 एक था ऐसे समय में जब यह किया जाना चाहिए था। इसलिए, मेरा विचार है कि भारत को भारत के 9/11 के बाद के दिनों में एक गतिशील प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी।

कांग्रेस हुई असहज

कांग्रेस के सीनियर लीडर की किताब के इस अंश से कांग्रेस पार्टी असहज हो गई है। बीजेपी ने इसे हाथों-हाथ लिया है और मनमोहन सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। 

अधीर रंजन चौधरी ने खोला मोर्चा

मनीष तिवारी को नसीहत देते हुए कांग्रेस के सीनियर लीडर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उन्हें (मनीष तिवारी) चीन पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिसने लद्दाख में हमारे कई क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है और अरुणाचल प्रदेश में गांवों का निर्माण किया है। चौधरी ने कहा कि वह अब होश में आ रहे हैं। उन्होंने उस समय इस बारे में बात क्यों नहीं की थी।

मनीष तिवारी खिलाफत करने वाले नेताओं के गुट के हैं

कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता मनीष तिवारी - उन 23 नेताओं में से एक, जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इस पत्र में नेतृत्व में उतार-चढ़ाव और व्यापक संगठनात्मक परिवर्तन की मांग की गई थी।

इस किताब से भाजपा खेमे में काफी खुशी

भाजपा के सोशल मीडिया प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि 26/11 के आतंकवादी हमले के बाद एयरफोर्स के फली मेजर ऑन रिकार्ड यह कहे थे कि वह स्ट्राइक को तैयार थे लेकिन यूपीए सरकार ठंडी पड़ गई। 
केंद्रीय संसदीय कार्य और कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, "मनीष तिवारी बिल्कुल सही बात कह रहे हैं। क्योंकि, यूपीए सरकार के दौरान, आतंकवाद के खिलाफ दृष्टिकोण बहुत कमजोर और ढीला था। मैं आतंकवाद के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता। लेकिन यूपीए सरकार ने देश विरोधी तत्वों का मुकाबला करने के लिए हमारे बलों को कभी खुली छूट नहीं दी।"

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