
नई दिल्ली। देशभर में बिक रही नकली दवाइयों की वजह से हजारों मासूम बेमौत मारे जा रहे हैं। इसको लेकर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने 112 नकली दवाइयों की एक लिस्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि सितंबर 2025 में की गई जांच में इन दवाओं के सैंपल्स क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए। इसका सीधा-सा मतलब है कि ये दवाइयां बीमार को ठीक करने की जगह उसके लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। बता दें कि इससे पहले अगस्त 2025 में भी सीडीएससीओ ने 94 दवाओं को गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं पाया था।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के मुताबिक, जिन 112 दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें तीन कफ सिरप यानी खांसी की दवाएं भी शामिल हैं। अब इन सभी दवाओं को बाजार में बैन करने की कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक कफ सिरफ कोल्डरिफ की वजह से कई बच्चों की मौत का मामला सामने आया है।
यहां देखें दवाइयों की पूरी लिस्ट…
जिन 112 दवाइयों के सैम्पल क्वालिटी टेस्ट पास करने में खरे नहीं उतरे, उनमें हार्ट, कैंसर, डाइबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, इन्फेक्शन, पेन रिलीफ, सूजन, एनीमिया और मिर्गी जैसी गंभीर बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां शामिल हैं। बता दें कि सेंट्रल ड्रग्स लैब्स में 52 सैंपल फेल हुए। यानी इन्हें मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया। वहीं राज्य स्तर पर की गई जांच में 60 दवाएं तय क्वालिटी से घटिया स्तर की पाई गईं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 112 अमानक दवाइयों में से कुछ दवाइयां एक या एक से अधिक क्वालिटी पैरामीटर्स पर खरी नहीं उतरीं। मतलब इन दवाओं में या तो दवा का असर करने वाला साल्ट सही मात्रा में नहीं था, या फिर कुछ और कमियां पाई गईं। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि दवाओं में क्वालिटी की कमी केवल उसी बैच तक सीमित है, जिनकी जांच की गई है। इसका मतलब ये नहीं है कि बाजार में मौजूद बाकी दवाइयां भी खराब हैं।
जो 112 दवाएं क्वालिटी कंट्रोल में फेल हुई हैं, उनमें सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश की हैं। इसके अलावा गुजरात की 16, उत्तराखंड की 12, पंजाब की 11, मध्य प्रदेश की 6, सिक्किम, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश की 3-3, कर्नाटक, महाराष्ट्र की 2-2, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर की 1-1 दवा का सैंपल फेल मिला है। वहीं, दो कफ सिरप हरिद्वार और हिमाचल के सिरमौर में बनी हैं।