Central Vista: बेवजह की पिटीशन पर SC की फटकार-अब लोगों से पूछेंगे कि उपराष्ट्रपति और PM का घर कहां बने?

Published : Nov 23, 2021, 02:23 PM ISTUpdated : Nov 23, 2021, 02:24 PM IST
Central Vista: बेवजह की पिटीशन पर SC की फटकार-अब लोगों से पूछेंगे कि उपराष्ट्रपति और PM का घर कहां बने?

सार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 23 नवंबर को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट(Central Vista project) की आपत्ति से जुड़ी एक याचिका(petition) खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को फटकार लगा दी। याचिका में सवाल उठाया गया था कि सेंट्रल विस्टा बनने के बाद वहां आम लोग नहीं जा सकेंगे।  

नई दिल्ली. केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट (Central Vista project) पर आपत्ति उठाते हुए लगाई एक याचिका सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई। याचिका में जिस जमीन पर प्रोजेक्ट बन रहा है, उसे चुनौती दी गई थी। इसमें कहा गया था कि प्रोजेक्ट के बाद उस क्षेत्र में आम लोगों की आवाजाही नहीं हो पाएगी।

कोर्ट ने कहा हर चीज की आलोचना हो, लेकिन वो रचनात्मक हो
याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर चीज की आलोचना होनी चाहिए, लेकिन वो रचनात्मक हो। जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि यह कोई निजी प्रॉपर्टी नहीं बनाई जा रही है। उपराष्ट्रपति का आवास बनाया जा रहा है। वहां चारों ओर हरियाली तय है। अधिकारियों ने प्रोजेक्ट को पहले ही मंजूरी दी है। याचिका में मांग उठाई गई थी कि उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए बन रहे आवास की जगह बदल दी जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब क्या हम आम आदमी से पूछेंगे कि उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का आवास कहां हो? सामाजिक कार्यकर्ता राजीव सूरी ने याचिका लगाई थी। इसमें कहा गया कि प्रोजेक्ट के लिए कुछ क्षेत्रों में भूमि उपयोग को आवासीय में बदल दिया गया है। इससे आम लोगों पर असर पड़ेगा। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार समग्र विकास के हिस्से के रूप में हरित क्रांति बढ़ा रहा है।

विपक्ष हल्ला मचाता रहा है
22 लाख वर्गफीट पर बनने जा रहे करीब 13000-15000 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट को लेकर विपक्षी दल शुरू से ही हल्ला मचाते आ रहे हैं। वे कोरोना संक्रमण में भारत की गड़बड़ाई अर्थव्यवस्था का हवाला देकर इसे रोकने की मांग करते आ रहे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेता इस प्रोजेक्ट को रोकने के फेवर में थे। विपक्षी नेताओं ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से भी अनुरोध किया था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

यह है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत देश के नए संसद भवन और नए आवासीय परिसर का निर्माण होना है। इसमें प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास सहित कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय बनेंगे। इस प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी।

20000 नहीं, 15000 करोड़ खर्च
इस प्रोजेक्ट की लागत 20000 करोड़ रुपए बताई जा रही है, लेकिन केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसे गलत बताते हुए कहा-पहली बात तो 20,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा कहां से आया? जिसके मन में जो आता है बोलता है। 51 मंत्रालयों के लिए ऑफिस, मेट्रो के साथ जोड़ना, नया संसद भवन, 9 ऑफिस के भवन, न्यू इंदिरा गांधी सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट्स सब मिलाकर खर्चा शायद 13,000-15,000 करोड़ आएगा।

यह भी पढ़ें
नहीं रुकेगा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम, दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द की याचिका, 1 लाख का जुर्माना भी लगाया
अचानक सेंट्रल विस्टा की कंस्ट्रक्शन साइट पर पहुंचे PM MODI, नए संसद भवन के निर्माण का लिया जायजा
Up News: कोरोना की मार, एक्सप्रेस-वे निर्माण में BJP का कमाल... जानें अखिलेश के आरोपों का पूरा सच

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

पतली एग्जिट, ताड़ के पत्तों का ढांचा, बड़ी DJ नाइट और फिर चीखों से गूंज उठा गोवा नाइटक्लब
गोवा नाइटक्लब फायर ट्रेजेडी: 25 मौतें, CM ने बैठाई मजिस्ट्रेटी जांच-खुलेंगे कई चाैंकाने वाले राज