दो चेन स्नैचर ने दिल्ली पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विनोद बडोला को लूटने की कोशिश की। उन्हें पिस्टल दिखाकर धमकाया। इसके बाद बडोला ने उनका ऐसा हाल किया कि वे कभी इसे नहीं भूलेंगे।
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने दो चेन स्नैचर को गिरफ्तार किया है। इनके पकड़े जाने की कहानी बेहद रोचक है। दोनों ने दिल्ली पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट को लूटने की कोशिश की। उन्हें पिस्टल दिखाकर धमकाया। इसके बाद ऐसा हाल हुआ कि दोनों कभी भूल नहीं सकते।
घटना शनिवार शाम को दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके के नेहरु पार्क में घटी। चेन स्नैचर ने पिस्टल निकाला और जॉगिंग कर रहे एक व्यक्ति पर तान दिया। उसने धमकी दी कि सोने की चेन नहीं दी तो गोली मार देगा। इसके बाद दोनों ने सोने की चेन तोड़ ली और इंड्री गेट की ओर भागे।
इन दोनों को पता नहीं था कि किससे पाला पड़ा था। उन्होंने जिस आदमी से सोने की चेन लूटी थी वह कोई और नहीं विनोद बडोला थे। विनोद बडोला दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अधिकारी है। लोग उन्हें "एनकाउंटर स्पेशलिस्ट" नाम से जानते हैं। विनोद बडोला मार्शल आर्ट एक्सपर्ट हैं।
विनोद बडोला ने पिस्टल छीनकर की पिटाई
विनोद ने दोनों का पीछा किया और एक लुटेरे का पिस्टल छीन लिया। इस दौरान उन्होंने उसकी जमकर पिटाई की। इस दौरान एक लुटेरा भाग गया। FIR के अनुसार विनोद ने 122 पर कॉल कर PCR को घटना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने दूसरे लुटेरे की तलाश की। वह मौके से भीड़ का फायदा उठाते हुए भाग गया था। बाद में उसे पकड़ा गया। दिल्ली पुलिस के डीसीपी देवेश महला ने मीडिया को बताया कि चेन स्नैचर की पहचान गौरव और पवन देव के रूप में हुई है। दोनों के खिलाफ लूट और हत्या की कोशिश के आरोप लगाए गए हैं। इलाके के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है।
दिल्ली पुलिस के चर्चित अधिकारी हैं विनोद बडोला
गौरतलब है कि विनोद बडोला दिल्ली पुलिस के चर्चित अधिकारी हैं। उन्होंने कई हाई प्रोफाइल केस में बड़ी सफलाएं पाई हैं। अक्टूबर 2013 में विनोद और उनकी टीम ने गैगस्टर नितू दाबोदिया का पता लगाया था। दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज में एक होटल के पास एनकाउंटर में दाबोदिया मारा गया था।
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इसके बाद बडोला ने कई अन्य आतंकवाद विरोधी अभियानों में भाग लिया। इनमें से एक के लिए उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री का विशेष संचालन पदक मिला था। बडोला और उनकी टीम ने भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए तालिबान समर्थित समूह द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक नई विधि का पता लगाया था। उन्हें पता चला कि गिरोह के सदस्य पश्चिमी भारत के बंदरगाहों तक जाने से पहले अफगानिस्तान से ईरान होते हुए जमीन के रास्ते यात्रा कर रहे थे। उन्होंने 1,320 करोड़ रुपए की लगभग 330 किलो हेरोइन बरामद की थी। उस वक्त ये बरामदगी दिल्ली पुलिस के इतिहास की सबसे बड़ी बरामदगी थी।
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