चैत्र नवरात्रि : एलजी ने माता वैष्णो देवी मंदिर में मत्था टेका, श्राइन बोर्ड की तैयारियां भी देखीं

2 अप्रैल से शुरू होने वाले चैत्र नवरात्रि की तैयारियां जोरों पर हैं। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड भी श्रद्धालुओं के लिए सभी इंतजाम करने में लगा है। दो साल बाद पहला मौका है, जब देश में कोविड की पाबंदियां लगभग पूरी तरह से खत्म हैं। ऐसे में इस नवरात्रि यहां भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। 

कटरा। जम्मू- कश्मीर के उपराज्यपाल (LG Manoj sinha) मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कटरा में माता वैष्णो देवी (Maya Vaishno devi)के दर्शन किए। इस मौके पर उन्होंने चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के लिए श्राइन बोर्ड द्वारा की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की। एलजी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा- पवित्र गुफा मंदिर में श्री माता वैष्णो देवी जी का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। जम्मू-कश्मीर के विकास और यहां के नागरिकों की भलाई के लिए प्रार्थना की। आगामी चैत्र नवरात्रि के लिए श्राइन बोर्ड द्वारा की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की। 

गौरतलब है कि पिछले करीब दो साल से कोरोना महामारी (Covid 19) के चलते त्योहारों में पाबंदियां थीं। लेकिन इस बार लगभग पूरे देश में पाबंदियों से राहत है। यही वजह है कि इस नवरात्रि में भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। इस बार होली का त्योहार भी पूरे देश में जोश के साथ मना। बरसाने और मथुरा के साथ ही पूरे देश में दो साल बाद बिना पाबंदी के होली खेली गई। यही स्थित मंदिरों की है। श्रद्धालु पाबंदियों की वजह से मंदिर नहीं जा पा रहे थे। अब पाबंदियां हट गई हैं तो मंदिरों में लगने वाले मेलों पर भी छूट है। 



कब मनाई जाती है चैत्र नवरात्रि
चैत्र नवरात्रि या वसंत नवरात्रि भारत में वसंत ऋतु के दौरान मनाई जाती है। इसे हिंदू समुदाय के लिए 9 दिनों का महत्वपूर्ण उत्सव माना जाता है। इस साल 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का उत्सव शुरू हो रहा है, जो 11 अप्रैल तक चलेगा। चैत्र नवरात्रि का पहला दिन चंद्रमा के 'शुक्ल पक्ष' यानी पूर्णिमा चरण के दौरान पड़ता है। मां दुर्गा की स्तुति करने के लिए 9 दिनों के दौरान किए जाने वाले अनुष्ठान हर दिन अलग-अलग होते हैं। यह भगवान राम के जन्मदिन का भी प्रतीक है, जो आमतौर पर नवरात्रि उत्सव के दौरान नौवें दिन पड़ता है। इस दिन को रामनवमी के तौर पर मनाया जाता है। यह त्योहार महा नवरात्रि की तरह है, जो देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों को समर्पित है। देवी के इन सामूहिक रूपों को नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। 

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शरदीय नवरात्रि में थीं कोविड की पाबंदियां
2021 में शरदीय नवरात्रि के दौरान माता वैष्णो देवी के दरबार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी। कोविड की तीसरी लहर के चलते उस समय कटरा जाने वाले लोगों के लिए RT-PCR जांच अनिवार्य थी। इसे बाद भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। श्राइन बोर्ड के रिकॉर्डों के मुताबिक 7 से अक्टूबर के बीच करीब 1.99 लाख श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए थे। 

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