Rajyasabha Election : 31 मार्च को 6 राज्यों में 13 सीटों पर होगी वोटिंग, इन पांच सीटों पर भाजपा की निगाहें

31 मार्च 2020 को 6 राज्यों की 13 राज्यसभा सीटों में चुनाव होना है। तैयारियां पूरी हैं। भाजपा इन छह राज्यों की 13 सीटों में से 5 सीटें अपने पाले में करने में जुटी है, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी का जोर है। आम आदमी पार्टी पंजाब की पांचों सीटों में अपने प्रत्याशियों को जिताने में सक्षम है।  

नई दिल्ली। फरवरी-मार्च में पांच राज्यों में हुए चुनावों में से 4 में भाजपा की जीत हुई। अब इस जीत के साथ भाजपा (BJP) उच्चा सदन में बहुमत हासिल करने की कोशिश में लगी है। दो दिन बाद यानी 31 मार्च को राज्यसभा की 13 सीटों पर चुनाव होने हैं।  इनमें असम की 2, हिमाचल की 1, केरल की 3, नागालैंड की 1, त्रिपुरा की 1 और पंजाब की पांच सीटें शामिल हैं। जानें, किस राज्य में भाजपा का क्या समीकरण काम करेगा।

असम : मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himany ) ने एनडीए को दोनों सीटों पर जीत दिलाने की पूरी तैयारी की है। भाजपा ने पबित्रा मार्गेरिटा को अपनी सहयोगी यूपीपीएल यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी - लिबरल (UPPL) के साथ रवंगवा नारजारी को नॉमिनेट किया है। कांग्रेस ने रिपुन बोरा को दोबारा उम्मीदवार बनाया है। राज्यसभा सांसद रानी नारा और रिपुन बोरा की सीटें 2 अप्रैल को खाली हो जाएंगी। कांग्रेस को अपनी सीट बरकरार रखने के लिए असम के 126 विधायकों में से 42 वोटों की जरूरत है। अपने 28 विधायकों के समर्थन से, एआईयूडीएफ के 15 विधायक, सीपीएम के 1 विधायक, कांग्रेस का दावा है कि उसके पास 44 विधायकों का समर्थन है। दूसरी ओर, भाजपा का दावा है कि दोनों सीटें उसे मिलेंगी क्योंकि कई विपक्षी विधायक अपने सहयोगी यूपीपीएल के उम्मीदवार को वोट देंगे। 

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हिमाचल प्रदेश : 68 सीटों वाली हिमाचल विधानसभा में 43 सीटों के साथ, भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार - हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार निर्विरोध चुने गए हैं। कांग्रेस ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया था।

केरल : यहां तीन सीटों पर चुनाव हैं। कांग्रेस ने कांग्रेस ने अपनी महिला विंग की प्रमुख जेबी माथेर को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। सत्तारूढ़ एलडीएफ ने सीपीआई (एम) राज्य समिति के सदस्य ए ए रहीम और सीपीआई नेता पी संतोष कुमार को नामित किया है। केरल के जिन तीन सांसदों का कार्यकाल अगले महीने समाप्त होने वाला है, उनमें एके एंटनी, एमवी श्रेयम्स कुमार और सोमप्रसाद के शामिल हैं। 140 सीटों वाली विधानसभा में एलडीएफ के पास 99 सीटें हैं, इसलिए एलडीएफ के दो सीटें जीतने की संभावना है, जबकि कांग्रेस अकेले जीत जाएगी।  

नागालैंड : राज्य में एस फांगनोन कोन्याक को निर्विरोध चुना गया है। यह राज्य इकलौता विपक्ष विहीन राज्य है। फांगनोन कोन्याक के चुने जाने के बाद इस राज्य से उच्च सदन में वह राज्य की पहली महिला हो गई हैं। कोन्याक राज्य भाजपा महिला विंग की अध्यक्ष हैं। वह चुनाव के लिए एक मात्र उम्मीदवार थीं।  नगा पीपुल्स फ्रंट के मौजूदा सांसद केजी केने का कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है। 

त्रिपुरा : राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ. माणिक साहा और वाम मोर्चे ने माकपा के वरिष्ठ नेता भानु लाल साहा को उम्मीदवार बनाया है। 60 सीटों वाले इस राज्य में भाजपा के 40 सीटें हैं। ऐसे में डॉ. माणिक के चुनाव जीतने की पूरी संभावना है। यहां से मौजूदा राज्यसभा सदस्य झरना दास बैद्य 2 अप्रैल को रिटायर्ड होंगे। 

पंजाब : 117 सदस्यीय इस विधानसभा में 92 सीटों पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी चुने गए हैं। ऐसे में यहां राज्यसभा चुनावों में उसे पक्की जीत मिलेगी। अभी पंजाब की 5 सीटों में से 2 अकाली दल, 2 कांग्रेस और एक भाजपा के पास हैं। लेकिन 117 में से 92 सीटें आने के बाद साफ है कि यहां सिर्फ आम आदमी पार्टी ही अपने सदस्यों को राज्यसभा भेज पाएगी, क्योंकि इसके लिए वोट जनप्रतिनिधि ही करते हैं। राज्यसभा में अभी तक आप के तीन सांसद हैं। यानी अब इस पार्टी के 8 सांसद राज्यसभा में होंगे।

कैसे होता है राज्यसभा सदस्यों का चुनाव 
राज्यसभा यानी 'राज्यों की परिषद' है। यह संसद का उच्च और स्थायी सदन है। इसके हर सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष होता है। इन्हें विधायक चुनते हैं। इनकी हार-जीत विधायकों की संख्या के आधार पर होती है। लेकिन इसके लिए एक फॉर्मूला तय है।

- उदाहरण के लिए पंजाब में 117 विधायक हैं। यहां 5 सीटों पर चुनाव होना है। 
- एक सीट पर कितने विधायकों के वोट चाहिए, इसके लिए जितनी सीटों पर चुनाव होना है उनमें 1 जोड़ा जाएगा। अब यह संख्या 6 हो जाएगी। 
- अब इस संख्या (6) से कुल विधायक संख्या 117 को भाग दिया जाएगा। 
- नतीजा आएगा 19.5।  इसमें फिर एक जोड़ दिया जाएगा। यानी 21 विधायक। 
- यानी एक सीट के लिए 21 विधायकों के वोट चाहिए होंगे। 

लेकिन विधायक अपनी भी सभी सीटों के लिए वोट नहीं कर सकते हैं। वह एक ही वोट डाल सकते हैं, जिसमें उन्हें अपनी पहली पसंद, दूसरी पसंद और तीसरी पसंद बताना होता है। पहली पसंद के वोट जिसे सबसे ज्यादा मिलेंगे, वह विजेता होगा। 

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