Chandrayaan-3: इसरो के मिशन मून का आज अहम दिन, होगी विक्रम को नींद से जगाने की कोशिश

इसरो आज चांद की सतह पर मौजूद विक्रम लैंडर (Vikram lander) और प्रज्ञान रोवर को दो सप्ताह की नींद से जगाने की कोशिश करेगा। अगर इसमें सफलता मिलती है तो दोनों आगे खोजबीन जारी रखेंगे।

 

Vivek Kumar | Published : Sep 22, 2023 4:57 AM IST

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) के लिए आज अहम दिन है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के साथ चांद पर भेजा गया विक्रम लैंडर दो सप्ताह से सो रहा है। आज इसे नींद से जगाने की कोशिश की जाएगी।

इसरो ने 14 जुलाई 2023 को मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च किया था। चंद्रयान तीन को LVM3 M4 रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष में पहुंचाया गया था। 23 अगस्त को इसरो ने इतिहास रचा था। चंद्रयान-3 के साथ भेजे गए विक्रम लैंडर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की। इसके बाद विक्रम के साथ भेजा गया प्रज्ञान रोवर बाहर आया और चांद की सतह पर खोजबीन शुरू की। विक्रम की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया था। चांद पर लैंडिंग करने वाला भारत चौथा देश है। इससे पहले सोवियत रूस, अमेरिका और चीन को यह सफलता मिली थी।

14 दिनों तक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने किया काम

इसरो की योजना के अनुसार चांद की सतह पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को चांद के एक दिन तक खोजबीन करना था। चांद पर एक दिन धरती पर 14 दिन के बराबर होता है। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने 14 दिनों तक काम किया। इसके बाद अंधेरा होने से पहले ही इसरो ने दोनों को स्लीप मोड में डाल दिया।

विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर 14 दिन तक चांद पर स्लीप मोड में रहे हैं। आज चांद पर दिन उगने वाला है। इसके साथ ही विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को नींद से जगाने की कोशिश की जाएगी। इसरो ने बताया है कि दोनों की बैटरी पूरी तरह चार्ज है। इनके एंटीना काम कर रहे हैं। अगर दोनों को नींद से जगाने में सफलता मिलती है तो यह बहुत बड़ी कामयाबी होगी। दोनों फिर अगले 14 दिनों तक चांद की सतह पर खोजबीन करते रहेंगे। अगर उन्हें जगाने में कामयाबी नहीं मिलती है तो चांद पर भारत की निशानी के रूप में हमेशा बने रहेंगे।

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