छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल के पिता की गिरफ्तारी: आखिर क्यों मुख्यमंत्री बेटा खड़ा है पुलिस के साथ?

सीएम के पिता नंद कुमार बघेल के अधिवक्ता गजेंद्र सोनकर ने कहा कि रायपुर कोर्ट ने उनको 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उन्होंने बताया कि नंद कुमार बघेल ने जमानत अर्जी कोर्ट में देने से मना कर दिया था इसलिए जमानत के लिए प्रयास नहीं किया गया। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 7, 2021 2:23 PM IST

रायपुर। राजनीति में कुछ भी संभव है लेकिन छत्तीसगढ़ में जो मंगलवार को हुआ वह फिल्मों में ही देखने को मिलता रहा है। मंत्री, राजनेता या अधिकारियों के घरवालों-नात-रिश्तेदारों के रौब-तेवर या कानून तोड़ने जैसी घटनाएं तो तमाम देखने को मिल जाएगी लेकिन एक सीएम स्वयं अपने पिता के खिलाफ एफआईआर करने की इजाजत देता हो और अरेस्ट को जायज ठहराए, यह विरले ही देखने-सुनने को मिलेगा। 

दरअसल, मंगलवार को छत्तीसगढ़ पुलिस ने राज्य के सीएम भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने सीएम के पिता को पंद्रह दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया।  अब 21 सितंबर को उनको कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।

नहीं दी जमानत की अर्जी

सीएम के पिता नंद कुमार बघेल के अधिवक्ता गजेंद्र सोनकर ने कहा कि रायपुर कोर्ट ने उनको 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उन्होंने बताया कि नंद कुमार बघेल ने जमानत अर्जी कोर्ट में देने से मना कर दिया था इसलिए जमानत के लिए प्रयास नहीं किया गया। 

सीएम भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने बीते दिनों ब्राह्मण समाज को लेकर एक टिप्पणी कर दी थी। इसके खिलाफ सर्व ब्राह्मण समाज ने डीडी नगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत मिलने के बाद शनिवार देर रात नंद कुमार बघेल के खिलाफ धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (1) (बी) (इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। 

यह बात कही थी सीएम के पिता ने, जिस पर हुआ एफआईआर

नंद कुमार बघेल ने कहा था कि मैं भारत के सभी ग्रामीणों से आग्रह कर रहा हूं कि ब्राह्मणों को आपके गांवों में प्रवेश न करने दें। मैं हर दूसरे समुदाय से बात करूंगा ताकि हम उनका बहिष्कार कर सकें। उन्हें वोल्गा नदी के तट पर वापस भेजने की जरूरत है। 

सीएम बोले: कानून सबके लिए समान, मैं बयान के खिलाफ

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कानून सर्वोच्च है और उनकी सरकार सबके लिए खड़ी है। उन्होंने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, भले ही वह व्यक्ति मेरे 86 वर्षीय पिता हों। छत्तीसगढ़ सरकार हर धर्म, संप्रदाय, समुदाय और उनकी भावनाओं का सम्मान करती है। मेरे पिता नंद कुमार बघेल द्वारा एक विशेष समुदाय के खिलाफ टिप्पणी कर सांप्रदायिक शांति भंग की गई है। उनके बयान से मैं भी दुखी हूं।

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