भूपेश बघेल ने कहा कि जनजागरण बहुत जरूरी है। बहुत से परिवार है, वह दो बच्चों या तीन बच्चों का महत्व समझ रहे हैं। पहले भी नारा था हम दो-हमारे दो। उस अभियान को फिर से चलाया जाना चाहिए।
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सत्तर के दशक में नसबंदी का बीजेपी ने विरोध किया था। उस समय नसबंदी के लिए जागरूकता अभियान अगर चलता रहता तो यह नौबत ही नहीं आती।
बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यूपी-असम व मध्य प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सक्रियता पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। बीजेपी शासित प्रदेशों में कानून को लागू करने के लिए दिख रही तेजी पर अपना नजरिया रखते हुए उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की बजाय जागरूकता व जनजागरण अभियान चलाया जाना चाहिए। आज की तारीख में गरीब भी दो बच्चों से अधिक नहीं चाहता है, बीजेपी कानून की आड़ में राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा कि 70 के दशक में जब कांग्रेस ने नसबंदी अभियान चलाया तो बीजेपी सहित तमाम दलों ने मुद्दा बनाया। चुनाव परिणाम भी पक्ष में नहीं आया। उस समय नसबंदी अभियान प्रभावित हुआ और जनसंख्या नियंत्रण को लेकर रणनीति बेअसर हो गई। आज उसकी वजह से जनसंख्या बढ़ी। लेकिन अब इस कानून को लागू कर कुछ होने वाला नहीं है।
हम दो-हमारे दो का जनजागरण अभियान फिर से शुरू हो
बघेल ने कहा कि जनजागरण बहुत जरूरी है। बहुत से परिवार है, वह दो बच्चों या तीन बच्चों का महत्व समझ रहे हैं। सभी चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़े, उनके जीवनस्तर में सुधार हो। इस बात को गरीब से गरीब आदमी समझ रहा है। केवल राजनीति करने से कुछ नहीं होने वाला है। पहले भी नारा था हम दो-हमारे दो। उस अभियान को फिर से चलाया जाना चाहिए।
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