छत्तीसगढ़ में नन की गिरफ्तारी पर संसद में हंगामा, प्रियंका गांधी ने किया नेतृत्व, शशि थरूर नदारद

Published : Jul 30, 2025, 03:27 PM IST
Congress MP Priyanka Gandhi

सार

Chhattisgarh Nun Arrest: छत्तीसगढ़ में नन की गिरफ्तारी (Nun Arrest Chhattisgarh) को लेकर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के नेतृत्व में कांग्रेस सांसदों ने संसद में किया विरोध प्रदर्शन, लेकिन शशि थरूर (Shashi Tharoor) की गैरहाजिरी ने खड़े किए सवाल।

Chhattisgarh Nun Arrest: छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी को लेकर संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में केरल के कांग्रेस सांसदों (Kerala Congress MPs) ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया लेकिन इस प्रदर्शन में पार्टी के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर नदारद रहे।

शशि थरूर की अनुपस्थिति पर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं क्योंकि सोमवार को इसी मुद्दे पर वे संसद परिसर में प्रदर्शन का हिस्सा बने थे और मीडिया के सामने भी मुखर होकर बोले थे। उन्होंने उस समय कहा था कि ननों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। देश में भीड़तंत्र नहीं चलना चाहिए। ये सरकार की जिम्मेदारी है।

पार्टी लाइन से अलग खड़े हैं थरूर?

दरअसल, Operation Sindoor और पहलगाम हमले (Pahalgam Terror Attack) को लेकर कांग्रेस की लाइन से अलग राय रखने के बाद से ही थरूर पार्टी के भीतर असहज स्थिति में हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी ने उन्हें संसद में बोलने का मौका देने की पेशकश की थी लेकिन थरूर ने इसे ठुकरा दिया। उनका तर्क था कि वे पार्टी मैसेजिंग के लिए खुद का विरोधाभास नहीं कर सकते। हाल ही में थरूर ने कहा था कि मेरी पहली वफादारी देश के प्रति है। पार्टियां तो देश को बेहतर बनाने का माध्यम होती हैं। उनके इस बयान को कांग्रेस नेतृत्व के प्रति अप्रत्यक्ष असंतोष के रूप में देखा जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में क्यों हुईं नन गिरफ्तार?

बीते सप्ताह छत्तीसगढ़ के दुर्ग स्टेशन (Durg Station) से दो कैथोलिक ननों को गिरफ्तार किया गया। बजरंग दल (Bajrang Dal) के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ये नन तीन नाबालिग आदिवासी लड़कियों को कथित तौर पर नौकरी और शिक्षा का लालच देकर अपने साथ ले जा रही थीं। उन पर भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyay Sanhita) की धारा 143 के तहत मानव तस्करी और छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम (Chhattisgarh Freedom of Religion Act) के तहत जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाया गया है।

बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने

इस गिरफ्तारी को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता (Religious Freedom) संविधान में प्रदत्त अधिकार है। ननों की तत्काल रिहाई होनी चाहिए। वहीं, ईसाई संगठनों ने भी सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज कराया है।

हालांकि, केरल बीजेपी अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने कहा कि नन निर्दोष हैं और उन्हें छुड़वाने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) ने गिरफ्तारी का बचाव करते हुए कहा कि बस्तर की बेटियों की सुरक्षा मेरी प्राथमिकता है। कांग्रेस इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है।

क्या थरूर की अनुपस्थिति सिर्फ संयोग? या कांग्रेस में नई दरार का संकेत?

शशि थरूर का प्रदर्शन से हटना सिर्फ संयोग था या पार्टी के साथ बढ़ती दूरी का संकेत इस पर कांग्रेस खेमे में चुप्पी है लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसे पार्टी के भीतर मतभेद और आगामी रणनीतिक असंतुलन का संकेत मान रहे हैं।

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