LAC पर सेना की चौकियां बना रहा चीन, अमेरिकी सांसद ने किया अलर्ट, जानिए क्या है पूरा मामला

चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक टॉप इंडियन-अमेरिकी सांसद  बुधवार को कहा कि चीन भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) के पास एक सैन्य चौकी बना रहा है, जो अपने पड़ोसियों के साथ चीनी आक्रामकता का एक परेशान करने वाला संकेत है। 

वाशिंगटन (Washington).कोरोना वायरस फैलाने का इल्जाम लगने के बाद लगातार दुनिया का दबाव झेल रहा चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक टॉप इंडियन-अमेरिकी सांसद( Indian American lawmaker) ने बुधवार को कहा कि चीन भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा(Line of Actual Control-LAC) के पास एक सैन्य चौकी बना रहा है, जो अपने पड़ोसियों के साथ चीनी आक्रामकता का एक परेशान करने वाला संकेत है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...


पोलिटिको( Politico) ने बुधवार को बताया कि चीन ने भारत के साथ अपनी विवादित सीमा के पास एक सैन्य चौकी बनाई है। इसने चौकी को दिखाते हुए नई सेटेलाइट इमेजरी का हवाला देकर कहा कि एक ऐसा कदम है, जो ग्लोबल फ्लैशपॉइंट पर लांग-टर्म तैनाती के लिए बीजिंग के इरादों का संकेत देता है।

Latest Videos

बता दें कि भारतीय मीडिया ने पिछले दिनों एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसमें एक्सपर्ट के हवाले से कहा गया कि 2023 भारत के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। अमेरिका से चिढ़कर बैठा चीन अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करने भारत से युद्ध छेड़ सकता है।

पोलिटिको ने बताया कि "सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज 'चाइना पावर प्रोजेक्ट द्वारा प्राप्त और नैटसेक डेली(NatSec Daily) के साथ शेयर की गई तस्वीरें दिखाती हैं कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पैंगोंग त्सो में सैनिकों को रखने के लिए एक मुख्यालय और गैरीसन(arrison) यानी सेना के ठिकने का निर्माण किया है। पैंगो त्सो(pangong tso) एक दूरस्थ झील है, जो LAC पर दोनों देशों के बीच फैली हुई है। 


कांग्रेसमैन राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि भारतीय और चीनी जनवादी गणराज्य के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास एक नई पीपुल्स लिबरेशन आर्मी चौकी की रिपोर्ट बीजिंग की बढ़ती क्षेत्रीय आक्रामकता का एक और परेशान करने वाला संकेत है। उन्होंने कहा कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका को भारत और अन्य सुरक्षा भागीदारों के साथ इस दिशा में अपने संयुक्त प्रयासों को और मजबूत करने की जरूरत है। कृष्णमूर्ति ने संकेत दिए कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के घरेलू दमन, उइगरों के क्रूर उत्पीड़न और ऑनलाइन मिसइन्फॉर्मेशन के प्रयासों में वृद्धि जारी है, इसलिए भारत से ताइवान जलडमरूमध्य(strait) तक इसके बढ़ते अंतरराष्ट्रीय सैन्य आक्रमण के संकेत भी हैं।

उन्होंने कहा कि चीन की इस महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए यह अनिवार्य है कि संयुक्त राज्य अमेरिका अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस कॉर्पोरेशन को बनाए रखे और विस्तार करे। इससे यह स्पष्ट संदेश भेजा जा सके कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत, ताइवान और पूरे क्षेत्र में लोकतंत्र के साथ खड़ा है। 

गलवान में हो चुका है संघर्ष
भारत और चीन के सैनिकों के बीच जून, 2020 में गलवान घाटी में खूनी संघर्ष हो चुका है। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे। चीन ने हताहतों की संख्या चार बताई थी। हालांकि भारत यह संख्या  40 से ऊपर बताता रहा है। (तस्वीर गलवान संघर्ष के दौरान की)


भारत की चीन के साथ तीन हिस्सों में 3,488 किमी लंबी सीमा लगती है। एक हिस्सा ईस्टर्न सेक्टर का है, जो सिक्किम और अरुणाचल में है। दूसरा हिस्सा मिडिल सेक्टर है। यह हिमाचल और उत्तराखंड में आता है। जबकि तीसरा हिस्सा वेस्टर्न सेक्टर का है, जो लद्दाख में आता है। अगर इन तीनों हिस्सों को अलग-अलग करके देखें, तो सिक्किम और अरुणाचल की सीमा की लंबाई 1,346 किमी है। हिमाचल और उत्तराखंड सीमा 545 किमी लंबी है। लद्दाख में चीन के साथ सटा बॉर्डर 1,597 किमी लंबा है। जून, 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन की सेनाओं में हिंसक झड़प के बाद मामला बिगड़ गया था। दोनों देशों ने LAC पर 50-60 हजार तक सैनिक तैनात कर दिए थे। फरवरी, 2021 में डिसएंगेजमेंट (Disengagement Process) पर एक समझौते के अनुरूप पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों और हथियारों की वापसी पूरी की थी। तब से लगातार तनाव कम करने की कोशिशें जारी हैं।

यह भी पढ़ें
LAC के करीब भारत-अमेरिका के युद्धअभ्यास से चिढ़ा चीन, कहा- चीन-भारत समझौते की भावना का हो रहा उल्लंघन
चीन तेजी से बढ़ा रहा परमाणु बमों का जखीरा, 2035 तक जुटा लेगा 1,500 न्यूक्लियर वेपन

 

Share this article
click me!

Latest Videos

'मणिपुर को तबाह करने में मोदी साझेदार' कांग्रेस ने पूछा क्यों फूल रहे पीएम और अमित शाह के हाथ-पांव?
Rescue Video: आफत में फंसे भालू के लिए देवदूत बने जवान, दिल को छू जाएगा यह वीडियो
Sanjay Singh: 'डूब गए देश के लोगों के लगभग साढ़े 5 लाख करोड़ रुपए' #Shorts
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?
Maharashtra Election: CM पद के लिए कई दावेदार, कौन बनेगा महामुकाबले के बाद 'मुख्य' किरदार