कजाकिस्तान के अस्ताना (Astana) में आयोजित किए गए 'एशिया में बातचीत और विश्वास बहाली के उपायों (CICA) पर छठे शिखर सम्मेलन' में विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने पाकिस्तान को कश्मीर का राग पर अलापने पर कड़ी फटकार लगा दी
वर्ल्ड न्यूज. कजाकिस्तान (Kazakhstan) के अस्ताना (Astana) में आयोजित किए गए 'एशिया में बातचीत और विश्वास बहाली के उपायों (CICA) पर छठे शिखर सम्मेलन' में विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने पाकिस्तान को कश्मीर का राग पर अलापने पर कड़ी फटकार लगा दी। गुरुवार (13 अक्टूबर) को आयोजित किए गए इस शिखर सम्मेलन में दुनिया के बड़े नेता शामिल हुए। हुआ यूं कि सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आरोप लगाया कि भारत कश्मीर के लोगों पर अत्याचार कर रहा है। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान तो भारत से बातचीत का इच्छुक था, लेकिन इस दिशा में नई दिल्ली(भारत सरकार) को जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।
भारत ने दिया करारा जवाब
शहबाज शरीफ के आरोपों पर मीनाक्ष लेखी ने कहा कि पाकिस्तान का भारत के अंदरुनी मामलों में दखल देने का कोई हक नहीं है। पाकिस्तान का बयान भारत के आंतरिक मामलों, सम्प्रुभता और क्षेत्रीय अखंडता में घोर हस्तक्षेप है। लेखी ने करारा जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों का सोर्स बना हुआ है। वो मानव विकास में कोई योगदान नहीं दे रहा है, जबकि उसके यहां आतंकवाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए पूरे संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं। लेखी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ झूठे और दुर्भाग्यपूर्ण प्रचार के लिए एक बार फिर CICA जैसे मंच का दुरुपयोग किया।। यह चर्चा और सहयोग के मुद्दे पर ध्यान भटकाने की कोशिश है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा।
लेखी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और महामारी जैसे आतंकवाद ने सभी को प्रभावित किया है। कई दशकों से भारत विशेष रूप से कुछ राज्यों(जम्मू-कश्मीर) के वित्तीय, राजनीतिक और नैतिक समर्थन के माध्यम से जारी सीमा पार आतंकवाद के खतरे से प्रभावित रहा है। भारत आतंकवाद को कतई सहन नहीं करता। वो सीमा पार आतंकवाद सहित उसके सभी स्वरूपों की निंदा करता है। भारत ने भारत विरोधी आतंकवाद को तुरंत बंद करने और आतंकी इन्फ्रास्ट्रक्चर को फौरन ध्वस्त करने की बात कही।
CICA के बारे में
6 वां सीआईसीए शिखर सम्मेलन 12 अक्टूबर को अस्ताना में शुरू हुआ। सीआईसीए की स्थापना 30 साल पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा के 47वें सत्र में 1992 में कजाकिस्तान के पहले और सबसे लंबे समय तक रहने वाले राष्ट्रपति नूरसुल्तान नज़रबायेव द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य एशिया में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना था। वर्तमान में इसके 27 सदस्य देश हैं। जिनमें-अफगानिस्तान, अजरबैजान, चीन, मिस्र, भारत, ईरान, इजरायल, पाकिस्तान, फिलिस्तीन, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्किये और उजबेकिस्तान शामिल हैं।
राज्य मंत्री लेखी ने अस्ताना में गांधी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कजाकिस्तान की राजधानी में महात्मा गांधी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। यहां वे एशिया में बातचीत और विश्वास निर्माण उपायों पर सम्मेलन (CICA) के छठे शिखर सम्मेलन में भाग ले रही हैं। लेखी के साथ देश के संस्कृति और खेल उप मंत्री झारसबायेव सेरिक मराटोविच भी शामिल हुए। ट्विटर पर लेखी ने लिखा, "कजाकिस्तान के अस्ताना में महात्मा गांधी की पहली आदमकद प्रतिमा का अनावरण करने का सम्मान मिला। संस्कृति और खेल के उप मंत्री झारसबायेव सेरिक मराटोविच ने ज्वाइन किया।
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