नागरिकता संशोधन अधिनियम सीएए के तहत भारत की नागरिकता का प्रमाण पत्र मिलते ही भावना खुशी से उछल् गई। उसे लगने लगा कि अब वह अपनी मर्जी की जिदंगी जी पाएगी। क्योंकि पाकिस्तान में इतनी बंदिशे थी कि वहां घर से निकलने पर भी बुर्का पहनना पड़ता था।
दिल्ली. सीएए के तहत जब बुधवार को 14 लोगों को पहली बार भारत की नागरिकता मिली तो वे खुशी से फूले नहीं समाए। इस अवसर पर एक भावना नामक लड़की ने भारत की नागरिकता मिलने पर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि अब यहां वह अपनी मर्जी से जी सकेगी। अपना भविष्य बनाने के लिए पढ़ सकेगी। यहां उसे बुर्का भी नहीं पहनना पड़ेगा।
खुशी से झूम उठी भावना
भावना ने सीएए के तहत प्रमाण पत्र मिलने के बाद बताया कि "मुझे आज नागरिकता मिल गई है और मैं बहुत खुश महसूस कर रही हूं।" उसने कहा कि एक भारतीय नागरिक के रूप में उसकी नई स्थिति ऐसे भविष्य के द्वार खोलती है जिसका वह कभी सपना देखती थी। भावना ने कहा "मैं आगे पढ़ सकती हूं।
घर से बाहर निकला था मुश्किल
भावना ने बताया कि पाकिस्तान में घर से बाहर निकलना मुश्किल था। भावना ने बताया कि अगर कभी बाहर जाना होता था, तो बुर्का पहनकर ही निकल सकते थे। ऐसे नहीं निकलने दिया जाता था। वहां लड़कियां पढ़ भी नहीं पाती थीं। भावना ने बताया कि वहां हर प्रकार से प्रताड़ित होना पड़ता था। जबकि यहां व्यक्ति आजादी की जिदंगी जीता है। इसलिए भारत की नागरिकता मिलने पर वह बहुत खुशी महसूस कर रही है।
इन्हें मिली भारत की नागरिकता
नागरिकता संशोधन अधिनियम सीएए दिसंबर 2019 में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने के उद्देश्य से पारित किया गया था, जो 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत आए थे। जिसमें विशेष रूप से हिंदुओं, सिखों,जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।
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11 वीं कक्षा में पढ़ती है भावना
भावना कक्षा 11 वीं में पढ़ती है। उनका पढ़ाई के प्रति अधिक रूझान है। उनका कहना है कि अब में अच्छे से पढ़ाई कर सकूंगी। ट्यूशन भी जा सकूंगी और स्कूल भी जाउंगी। मैं अच्छे से पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़े होना चाहती हूं।