
Uttrakhand Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के नौगांव क्षेत्र में शनिवार शाम बादल फटने से हालात काफी बिगड़ गए। बाढ़ और भूस्खलन से नौगांव बाजार में काफी तबाही मचाई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। मलबे के कारण एक मकान दब गया जबकि बहुत सारे घरों में पान घुस गया जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बादल फटने की घटना के बाद दिल्ली-यमुनोत्री राजमार्ग को बंद कर दिया गया। मलबे में एक कार दब गई और कई दोपहिया वाहन व एक मिक्सर मशीन बह गई।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि यमुना घाटी के सेवरी फाल पट्टी में बादल फटने की घटना हुई है। जलधारा में आए उफान से मलबा बहकर निचले इलाकों तक पहुंच गया। फिलहाल जान-माल के नुकसान की कोई जानकारी अब तक नहीं मिली है। डीएम ने बताया कि भारी बारिश की आशंका को देखते हुए कई लोग पहले ही घर खाली कर चुके थे, जिससे बड़ा नुकसान टल गया। वहीं, SDRF और NDRF की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। फिलहाल स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि घटना की सूचना मिलते ही उन्होंने जिलाधिकारी से बात की और राहत व बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए है। धामी ने कहा कि प्रभावित लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए। एक महीने पहले यानी कि 5 अगस्त को उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से खीरगंगा में भारी बाढ़ आ गई थी। इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग मलबे में दब गए थे।
अब आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट ने चिंता और बढ़ा दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के चार पहाड़ी जिलों में भूकंप आने पर बड़े पैमाने पर भूस्खलन का खतरा है। इनमें रुद्रप्रयाग जिला सबसे ज्यादा संवेदनशील बताया गया है। बता दें कि यह रिपोर्ट 2 अगस्त को एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुई है।