JEE Main: ममता बनर्जी का सवाल, जी मेंस में सिर्फ गुजराती ही वैकल्पिक भाषा क्यों?

प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जी मेंस एग्जाम में भाषा को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा कि राष्ट्रीय स्तर पर होने वाला इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जी मेंस में सिर्फ एक क्षेत्रीय भाषा वैकल्पिक के तौर पर क्यों है?

Asianet News Hindi | Published : Nov 6, 2019 2:18 PM IST / Updated: Nov 06 2019, 07:59 PM IST

कोलकाता. प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जी मेंस एग्जाम में भाषा को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा कि राष्ट्रीय स्तर पर होने वाला इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जी मेंस में सिर्फ एक क्षेत्रीय भाषा वैकल्पिक के तौर पर क्यों है? 

ममता बनर्जी ने मांग की है कि जी मेंस की परीक्षा सभी क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित कराने की मांग की। साथ ही उन्होंने गुजराती भाषा को वैकल्पिक भाषा के तौर पर होने पर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ऐसा करके सरकार अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को नुकसान पहुंचाना चाहती है। 

इसी साल शामिल हुई गुजराती भाषा
जी मेंस राष्ट्रीय स्तर पर होने वाला इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम है। इस साल से यह हिंदी, अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषा गुजराती में भी होगा। ममता ने ट्वीट किया, हमारा देश भारत है, जो कई धर्मों, संस्कृति और भाषा, समुदाय का घर है। हालांकि, क्षेत्रों और क्षेत्रीय भाषाओं को सरकार नुकसान पहुंचाना चाहती है। 

मुझे गुजराती पसंद-ममता
ममता बनर्जी ने आगे लिखा, मुझे गुजराती भाषा पसंद है। लेकिन अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को क्यों इग्नोर किया जा रहा है। अन्य लोगों के साथ अन्याय क्यों? अगर गुजराती भाषा शामिल की जा रही है, तो बंगाली समेत अन्य भाषाओं को भी शामिल किया जा जाना चाहिए। 

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