
बेंगलुरु: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है, 'बीजेपी राष्ट्रपिता गांधीजी का नाम मिटाने की साजिश कर रही है। इस नफरत की राजनीति को हराने के लिए 5 जनवरी से ग्राम पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें सभी को साथ आना चाहिए।' गांधीजी के निधन के बाद भी बीजेपी ने उनके प्रति अपनी नफरत नहीं छोड़ी है। उन्होंने महात्मा गांधी नरेगा योजना का नाम बदलकर जी राम जी कर दिया है। यह राम दशरथ के राम नहीं, बल्कि बीजेपी के राम हैं। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा कि इस साजिश को नाकाम करना होगा। वह रविवार को केपीसीसी की ओर से भारत जोड़ो भवन में आयोजित कांग्रेस स्थापना दिवस समारोह में हिस्सा लेने के बाद बोल रहे थे।
एमजी-नरेगा का नाम और ढांचा बदलकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की साजिश की जा रही है। इस योजना के तहत दलितों और पिछड़ों को ज़्यादा काम मिलता था। लोगों को तब काम मिलता था जब उनके पास कोई काम नहीं होता था। केंद्र इसके लिए 90% मदद देता था। सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि केंद्र की हिस्सेदारी को 60% तक घटाकर, वे राज्यों पर बोझ डालकर योजना को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं।
अगर देश को आज़ादी मिली है, तो उसका कारण कांग्रेस है। जनसंघ, आरएसएस, हिंदू महासभा, बीजेपी जैसे संगठन स्वतंत्रता संग्राम में शामिल नहीं थे। बीजेपी का एक भी नेता स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल नहीं हुआ। अब उन्होंने महात्मा गांधी से नफरत करना शुरू कर दिया है। देश और समाज को तोड़ना ही बीजेपी की उपलब्धि है। वोट चोरी के अलावा उन्होंने देश को कुछ नहीं दिया है, उन्होंने गुस्से में कहा।
उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा, 'दुनिया में बड़े-बड़े सम्राट भी किनारे हो गए हैं। तीन-चौथाई दुनिया जीतने वाला सिकंदर भी हमेशा नहीं रहा, सद्दाम हुसैन छिप गया, तो दूसरों की क्या गिनती। अहंकार में वे नरेगा योजना से गांधीजी का नाम बदलने निकले हैं। नए नियमों के मुताबिक, बीजेपी शासित राज्यों में भी नरेगा योजना लागू करना मुमकिन नहीं है। इसलिए, 5 जनवरी से इसके खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।'
गारंटी समिति, बेस्कॉम, स्वास्थ्य समिति समेत दूसरे विभागों से मनोनीत सदस्यों की संख्या ही 150-200 है। इन सभी को विरोध प्रदर्शन की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। इसकी देखरेख के लिए जी.सी. चंद्रशेखर के नेतृत्व में पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे, उन्होंने कहा।
राज्य भर में 100 कांग्रेस कार्यालय बनाने का लक्ष्य है, जिनमें से 70 कार्यालय पहले ही बन चुके हैं। हम बेंगलुरु में भी दो कार्यालय बना रहे हैं। शिवकुमार ने इस मौके पर जानकारी दी कि मैसूर कांग्रेस भवन की सभी योजनाएं फाइनल हो गई हैं और भूमिपूजन भी हो चुका है।
सभी जिला और तालुका अध्यक्ष शिलान्यास के लिए इंतज़ार न करें। क्योंकि मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी बेंगलुरु से वर्चुअली सभी कांग्रेस भवनों की नींव रखेंगे। इस मौके पर मंत्री के.जे. जॉर्ज, केपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष जी.सी. चंद्रशेखर और एआईसीसी सचिव गोपीनाथ मौजूद थे।
2-3 महीने में जिला और तालुका पंचायत चुनाव: डीके शिवकुमार
उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बताया है कि दो-तीन महीने में जिला और तालुका पंचायत चुनाव कराने हैं। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रियांक खड़गे को भी इस बारे में बता दिया गया है और उनसे कहा गया है कि आरक्षण के मामले में अदालतों में जो भी रुकावटें हैं, उन्हें दूर करके अगले दो महीने में चुनाव कराने की तैयारी करें।
'गांधी भारत' किताब तैयार की है: डीके शिवकुमार
डी.के. शिवकुमार ने बताया कि उन्होंने 'गांधी भारत' नाम की एक किताब तैयार की है, जिसमें बताया गया है कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में एआईसीसी का अधिवेशन कैसे हुआ था। यह किताब अंग्रेजी और कन्नड़ में उपलब्ध है। मैंने इसे मल्लिकार्जुन खड़गे से जारी करवाने के लिए उनका समय मांगा है। उन्होंने कहा कि इसे इसी भारत जोड़ो सभागार में जारी किया जाएगा।