कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल भारतीय दल का PM ने बढ़ाया हौसला-'कोई नहीं है टक्कर में, क्यों पड़े हो चक्कर में'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल हो रहे भारतीय खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत कर रहे हैं। यह टूर्नामेंट इंग्लैंड के बर्मिंघम में हो रहा है। मोदी ने पिछले साल पिछले साल टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में शामिल हुए भारतीय खिलाड़ियों से भी बातचीत की थी। जानिए क्या हैं ये खेल...

नई दिल्ली. इंग्लैंड के बर्मिंघम में होने जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स(CWG 2022) में शामिल होने पहुंचे भारत के 215 खिलाड़ियों के दल का हौसला बढ़ाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये बातचीत कर रहे हैं। इस दौरान इस दौरान केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर भी उपस्थित रहे। दल में स्टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, पीवी सिंधु, बजरंग पुनिया सहित देश के कई जाने-माने और टैलेंटेड प्लेयर्स शामिल हैं।

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री की यह बातचीत प्रमुख खेल आयोजनों में भाग लेने से पहले एथलीटों को प्रेरित करने और उनका हौसला बढ़ाने की दिशा में निरंतर प्रयास का एक हिस्सा है। बता दें कि पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो ओलंपिक के अलावा टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों में भाग लेने वाले भारतीय पैरा-एथलीटों के दल से भी बातचीत की थी। इन दोनों ही खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर रहा था। CWG 2022 28 जुलाई से शुरू होकर 8 अगस्त तक चलेंगे। भारत से इसमें 215 एथलीट 19 खेलों के 141 काम्पटीशन में शामिल होंगे। 

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कोई नहीं है टक्कर में, क्यों पड़े हो चक्कर में
मोदी ने कहा-आने वाले 10-15 दिनों में भारत के खिलाड़ियों के पास अपना दम-खम दिखाने का, दुनिया में छा जाने के सुनहरा अवसर है। मैं सभी खिलाड़ियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आज 20 जुलाई है। खेल की दुनिया के लिए भी ये बहुत महत्वपूर्ण दिवस है। आज International Chess Day है। 28 जुलाई को जिस दिन बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम शुरू होंगे, उसी दिन तमिलनाडु के महाबलीपुरम में चेस ओलंपियाड की शुरुआत होगी। इस बार आप सभी खिलाड़ी, आपके कोच, उत्साह से, जोश से भरे हैं। जिनके पास पहले से कॉमनवेल्थ गेम में खेलने का अनुभव है, उनको खुद को दोबारा आजमाने का मौका है। जो 65 से ज्यादा एथलीट पहली बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं, मुझे विश्वास है कि वो भी अपनी जबरदस्त छाप छोड़ेंगे। मैं बस यही कहूंगा कि जी भर के खेलिएगा, जमकर खेलिएगा, पूरी ताकत से खेलिएगा और बिना किसी टेंशन के खेलिएगा। आपने पुराना डायलॉग सुना होगा- 'कोई नहीं है टक्कर में, क्यों पड़े हो चक्कर में।'

पिछले 8 सालों में खेलों का बजट तीन गुना
मीडिया से चर्चा करते हुए केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा-देश के पीएम लगातार खेलो को बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं और पिछले 8 वर्षों में खेलो का बजट लगभग 3 गुना किया गया है ये अपने आप में दिखाता है कि खेलो के प्रति पीएम मोदी की रुचि कैसी है। 215 खिलाड़ी कॉमन वेल्थ गेम्स में खेलने जा रहे हैं वो शानदार प्रदर्शन करेंगे और तिरंगा का मान-सम्मान बढ़ाएंगे।

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क्या हैं ये कॉमनवेल्थ गेम्स यानी राष्ट्रमंडल खेल? 
कॉमनवेल्थ गेम्स या राष्ट्रमंडल खेल एक इंटरनेशनल स्पोर्ट्स ईवेंट है। यह हर 4 साल में कराया जाता है। कॉमनवेल्थ गेम्स को यह नाम कॉमनवेल्थ नेशंस से मिला है। इन खेलों की शुरुआत ब्रिटिश हुकूमत के अधीन देशों के बीच काम्पटीशन कराने हुई थी। CWG ओलंपिक, एशियन गेम्स के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा खेल आयोजन कहलाता है। इसकी शुरुआत 1930 में कनाडा के शहर हैमिलटन से हुई थी। 1954 से 1966 तक कॉमनवेल्थ गेम्स को ब्रिटानी साम्राज्य और कॉमनवेल्थ गेम्स कहते थे। 1970 और 1974 में इसका नाम ब्रिटेन कॉमनवेल्थ गेम्स कर दिया गया। 1978 में इसका नाम कॉमनवेल्थ गेम्स पड़ा।

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