लोकसभा के अपने सात सदस्यों के निलंबन के खिलाफ और दिल्ली हिंसा पर जल्द चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस के सांसदों ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया
नई दिल्ली: बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद की कार्यवाही चालू है। लेकिन दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्ष का संग्राम जारी है। सदन की कार्यवाही के पांचवे दिन भी संसद में जारी विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्षी सांसदों की मांग है कि फरवरी महीने में दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर चर्चा कराई जाए। जबकि सरकार होली के बाद इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। जिसको लेकर विरोध का दौर जारी है। इसी क्रम में गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में बदतमीजी करने वाले कांग्रेस के 7 सांसदों को निलंबित कर दिया। जिसके बाद आज फिर शुक्रवार को विपक्ष ने हंगामा किया। जिसके बाद स्पीकर ने 2 से 5 मार्च तक लोकसभा में हंगामे के दौरान दिए गए विवादित बयानों के लिए जांट कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला खुद करेंगे।
इससे पहले लोकसभा के अपने सात सदस्यों के निलंबन के खिलाफ और दिल्ली हिंसा पर जल्द चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस के सांसदों ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने हुए इस विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेताओं ने अपनी बांह पर काली पट्टी बांध रखी थी। राहुल गांधी और कई अन्य सदस्य बाद में काली पट्टी बांधकर ही लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए।
सरकार ने विपक्ष को डराने के मकसद से उठाया कदम
अपने सात सदस्यों के निलंबन का विरोध कर रहे कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि यह कदम सरकार ने विपक्ष को डराने के मकसद से उठाया है। निलंबित सदस्यों में से एक गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘हम निलंबन से डरने वाले नहीं हैं। हम दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग उठाते और सरकार से जवाब मांगते रहेंगे।’’ कांग्रेस सांसदों ने ‘गृह मंत्री इस्तीफा दो’ और ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ के नारे भी लगाए।
इस प्रदर्शन में राहुल गांधी के साथ के. सुरेश, शशि थरूर, गौरव गोगोई और कांग्रेस के कई अन्य सांसद शामिल हुए।
संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित
गौरतलब है कि कांग्रेस के गौरव गोगोई, टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को बृहस्पतिवार को सदन का अनादर करने और ‘घोर कदाचार’ के मामले में मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीने जाने और उछालने का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संसदीय इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)